
Rajasthan New District: नीमकाथाना। कांग्रेस सरकार में नवगठित नीमकाथाना जिले का आज स्थापना दिवस है। वर्ष 2023 में अस्तित्व में आए इस जिले को आज 1 साल पूरा हो गया, लेकिन सरकार की ओर से जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए अभी तक जमीन आंवटन नहीं होने से अधिकतर दफ्तर स्वयं की छत की बाट जोह रहे हैं। नीमकाथाना जिले की स्थापना 7 अगस्त 2023 को हुई थी। एक साल पहले सीकर व झुंझुनूं जिले का पुनर्गठन कर नया जिला नीमकाथाना बनाया गया है।
नीमकाथाना जिले में सीकर जिले के दो उपखण्ड नीमकाथाना एवं श्रीमाधोपुर तथा झुंझुनूं जिले के दो उपखण्ड खेतड़ी एवं उदयपुरवाटी को मिलाकर बनाया गया है। जिला के अधिकार क्षेत्र में चार उपखण्ड, पांच तहसील और छह पंचायतें आती हैं। इस प्रकार वर्तमान में नीमकाथाना जिले में चार उपखण्ड नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, खेतड़ी, उदयपुरवाटी हैं।
नवगठित नीमकाथाना जिले की प्रथम जिला कलक्टर श्रुति भारद्वाज एवं प्रथम पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल थे। 17 मार्च 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा नीमकाथाना को जिला घोषित किया गया। जिसका 7 अगस्त 2023 को औपचारिक उद्घाटन किया गया और मानचित्र पर अंकित किया गया। नीमकाथाना जिले की कुल जनसख्या 1076840 है। सबसे ज्यादा श्रीमाधोपुर उपखण्ड की 332398 व सबसे कम उदयपुरवाटी उपखण्ड की 149472 है।
तहसील का मुख्यालय छावनी के नाम से जाना जाता है। इस छावनी की स्थापना 1834 ई. में शेखावाटी ब्रिगेड के गठन के बाद ब्रिटिश भारतीय सरकार द्वारा की गई थी। पहले छावनी का मूल नाम सवाई रामगढ़ था। सवाई रामगढ़ में जयपुर राज्य की नागा छावनी के पूर्व में भी दो जमातें स्थापित की गई थीं। 15 अक्टूबर 1949 को पूर्व जयपुर राज्य के नीम का थाना क्षेत्र को 17वीं शताब्दी में स्थापित सीकर जिले में शामिल किया गया।
श्रीमाधोपुर की स्थापना 18वीं शताब्दी में जयपुर महाराजा माधोसिंह प्रथम के दीवान खुशहाली राम बोहरा ने की थी। श्रीमाधोपुर का नाम सवाई माधो सिंह के नाम पर रखा गया था। कपड़े और पीतल व कांसे के बर्तनों के व्यापार व जौ मंडी के लिए प्रसिद्ध रहा है।
आजादी से पहले राजा खेत सिंह निर्वाण के नाम पर इसका नाम खेतड़ी रखा गया। खेतड़ी के राजा अजीत सिंह ने स्वामी विवेकानन्द को शिकागो धर्म सम्मेलन में भेजने की व्यवस्था की। स्वामी विवेकानन्द को राजस्थान की गर्म हवाओं से बचाने के लिए अजीत सिंह को पगड़ी पहनाई गई। तांबा विदेशों से आयात किया जाता था। खेतड़ी ने तांबे के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेडए भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम स्थित है। सुख महलए बेजोड़ वास्तुकला का प्रतीक रघुनाथ मंदिर, पन्नालाल शाह का तालाब, अजीत सागर रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानन्द संग्रहालय स्थित है। संत रामेश्वर दास की तपोभूमि बसई गांव में स्थित है।
हर्ष मशीनरी के अनुसार इसका प्राचीन नाम उदार भट्ट का था। किसान आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास बना हुआ है। मनसा माता शक्ति पृष्णि अरावली में स्थित है। जोधपुरा सुनारी ताम्रयुगीन जनजाति के आदिवासियों के लिए प्रसिद्ध है। शाकंभरी माता का मंदिर और कोट बांध सूकावाटी तहसील मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर स्थित हैं।
जिले की स्थापना 7 अगस्त 2023 को हुई थी, जिसको एक वर्ष पूर्ण होने जा रहा है। एक वर्ष में जिले में काफी काम हुए है, जिला स्तरीय अधिकारियों का पदास्थापन हो चुका है, जिले में 18 जिला स्तरीय कार्यालय चल रहे है। भविष्य में जैसे-जैसे ओर स्वीकृतियां प्राप्त होंगी उसके अनुसार अन्य कार्यालय आदि भी स्थापित किए जाएंगे। जिला सुचारू रूप से चल रहा है। एमसीएच अस्पताल का कार्य पूर्ण हो गया व जिला अस्पताल भवन का काम चल रहा है। हर जिले में जिला कोषालय स्थापित होना आवश्यक होता है, जो वर्तमान में सुचारू रूप से चल रहा है।
शरद मेहरा, कलक्टर, नीमकाथाना
Published on:
07 Aug 2024 04:32 pm
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