डॉ. सचिन माथुर
सीकर: महिला सूचक अश्लील गाली देना अब लोगों के लिए भारी पड़ सकता है। दरअसल, शहर में महिलाओं के एक ग्रुप ने सरेआम महिला सूचक गाली देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का फैसला लिया है।
बता दें कि पिपराली रोड स्थित मनसुख रणवां मनु स्मृति संस्थान कार्यालय में पिछले दिनों इस संबंध में महिलाओं की एक बैठक हुई है। इसमें सार्वजनिक रूप से महिला सूचक गाली देने वालों के खिलाफ प्रस्ताव पास करते हुए गालीबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किया जाना तय किया गया है। बैठक में अभिलाषा रणवां, दुर्गा रणवां, निधि, सुबीता, संजू देवी, प्रेमलता, पुष्पा भाकर, ऊषा भास्कर, संतरा लोरा, संगीता रुलानियां, संगीता सुंडा, अनुश्रेया और सुमित्रा आदि मौजूद रहे।
ग्रुप की अगुआई करने वाली अभिलाषा रणवां ने बताया कि समाज में लड़ाई- झगड़े से लेकर हल्की-फुल्की बात और मजाक तक में महिला सूचक भद्दी गालियां देना लोगों में आम हो गया है। जो सुनने पर महिलाओं को असहज कर उनके सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचाता है। अभद्र भाषा और गाली गलौज हमारी संस्कृति व कानून के भी खिलाफ है। इसके चलते ही गालीबाजों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया गया है। रणवां ने बताया कि मामले में एक जागरुकता आंदोलन भी चलाया जाएगा।
ग्रुप की महिलाओं ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी मां और बहन के नाम की गालियां धड़ल्ले से निकाली जाती है। ऐसे में ग्रुप सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा। यूजर द्वारा गाली पोस्ट करने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
बीएनएस की धारा-352 के तहत अपमानजनक भाषा या गाली-गलौज करना गैर कानूनी है। दोषी के खिलाफ दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है।
Published on:
16 Jun 2025 07:20 am