
धरती में तांबे के पास पहुंची तलाश, तीन वर्ष से चल रही खोज
गणेश्वर. अब वो दिन दूर नही है। तीन वर्ष के प्रयास के बाद तांबे की खोज अब सफलता के नजदीक पहुंच गई है। यहां खेतड़ी क्षेत्र से अधिक तांबा मिलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि खोज में जुटी टीम इस विषय पर खुलकर नहीं बोल रही है, लेकिन सबका मानना है कि तांबा इस क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। खोज का कार्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की ओर से जारी है। पहले छह माह तक हवाई सर्वेक्षण किया गया।
बाद में एक वर्ष तक धरातल पर पत्थरों के नमूने लिए गए। एक वर्ष से अनेक जगहों पर पॉइंट बनाकर धरती के गर्भगृह से 300 मीटर की गहराई तक पत्थर के रोल निकाल तांबे की खोज की जा रही है। पहले कोलकाता भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की टीम ने जगह जगह गर्भगृह से खुदाई कर पत्थरों के रोल निकाल बक्सों में भरकर बेंगलुरु जांच के लिए भेजे। अब जयपुर टीम की ओर से कई स्थानों पर पॉइंट बनाकर धरती के गर्भगृह से तांबे की खोज जारी है। वर्तमान समय में हिरवाला, तेजाला, गढ़ी की ढाणी में दो जगह, बुजा, मोहनदास आश्रम, नदी क्षेत्र में धरती के गर्भगृह से तांबे की खोज की जा रही हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों से बात करने पर इतना ही कह पा रहे हैं कि तांबे की खोज सफलता की तरफ है। कितनी मात्रा में तांबा होगा यह तो रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा। कर्मचारियों ने बताया कि कुछ पत्थरो के रोल में टँगस्र्टन की मात्रा मिल रही है, तांबे की खोज पूरी होने पर होने से क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिलने लगा है। भविष्य में सब कुछ ठीक ठाक रहा तो पत्थरो के रोल जांच में खरे उतरे तो अनुमान है खेतड़ी कॉपर तांबे के कारखानों से सीधा ङ्क्षलक हो सकता हैं। इतना ही नहीं पूर्व में कोलकाता टीम ने संकेत दिया था कि नीमकाथाना, गणेश्वर, टोडा, पावटा क्षेत्र तक लोहा पथगामी रास्ता भी बन सकता है या क्षेत्र में बड़े कारखाने लग सकते हैं। छह माह पूर्व कालामेडा, रावजी की ढाणी, बड़वाला क्षेत्र में धरती के गर्भगृह से पत्थर के रोल निकाल कर जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। अगर तांबे की खोज में सफलता की सौगात मिलेगी तो क्षेत्र का विकास बढ़ेगा युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
Published on:
24 Mar 2022 05:44 pm
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