
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार से 79 हजार करोड़ रूपये की वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृती जारी हो गई है। राजस्थान के सीकर व झुझुंनूं जिले को अब इंदिरा गांधी नहर परियोजना से 1100 क्यूसेक पानी जल्द मिलेगा। उन्होंने यह बात कलक्ट्रेट सभागार में मीडिया से बातचीत करते हुए कही।
इस दौरान उन्होंने नानी बीड के गंदे पानी से निजात के लिए भी 341 करोड़ रुपए का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने व शेखावाटी को यमुना का पानी जल्द मिलने की बात भी कही। बजट घोषणा के मुताबिक रैवासा में संत नाभादास की स्मारिका, वैद विद्यालय तथा जीणमाता व सकराय के विकास कार्य भी समय पर पूरा होने का आश्वासन दिया।
इस दौरान वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने भी कलक्टर सभागार में जिला अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने राजस्थान सरकार की बजट घोषणाओं को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समय पर पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
इसके लिए जरूरी भू-खण्ड आवंटन सहित सभी प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने की बात कही। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को पिछले 5 वर्ष के बजट में 5-5 करोड़ रूपए की घोषित सड़कों का काम पूरा करने, जीणमाता में धर्मशाला निर्माण के लिए उप वन संरक्षक को भूमि डायवर्जन का प्रस्ताव तैयार करवाने, पुलिस प्रशासन को खुला बंदी शिविर के तहत पेट्रोल पंप खोलने, पीएचईडी अधिकारी को गर्मियों से पहले पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
बैठक में धोद विधायक गोवर्धन वर्मा ने धोद में रोडवेज बस स्टेण्ड के लिए जगह चुनने, पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय की जगह बदलने व नानी बीड़ के गंदे पानी के उचित समाधान के मुद्दे पर चर्चा की। कलक्टर मुकुल शर्मा ने भी जरूरी दिशा निर्देश दिए। बैठक में जिले की प्रभारी सचिव आरती डोगरा, खण्डेला विधायक सुभाष मील, एसपी भुवनभूषण यादव, पूर्व विधायक रतन जलधारी, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष कमल सिखवाल, आशीष तिवाड़ी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष गोविंद सैनी आदि मौजूद रहे।
प्रभारी मंत्री की बैठक में भाजपा नेताओं की उपस्थिति विवाद का सबब बन गई। सरकारी कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के शामिल होने को कांग्रेस ने नियम विरुद्ध बताया। जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने कहा कि प्रभारी मंत्री की जिस सरकारी बैठक में गोपनीयता बनाए रखने के लिए मीडिया को दूर रखा गया, उसमें भाजपा नेताओं की उपस्थिति उनकी प्रशासनिक अधिकारियों पर अनुचित प्रभाव व दबाव बनाने की नीति का हिस्सा है। उन्होंने भाजपा को ऐसी गलत परंपरा व प्रशासनिक अधिकारियों को भाजपा की मशीनरी बनने से बचने की नसीहत भी दी।
Published on:
24 Feb 2025 12:35 pm
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