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सीकर.
भाजपा ने सीकर जिले में डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है, लेकिन कांग्रेस की ओर से पिछले कई माह से जिलाध्यक्ष पद का चयन तक नहीं हो पाया है। नतीजतन जिले में कांग्रेस के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता राजस्थान विधानसभा चुनाव नजदीक आने के बाद भी सक्रिय नहीं हो रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने भी सीकर अध्यक्ष पद की मारा-मारी को देखते हुए जिलाध्यक्ष के पद का निर्णय ठंडे बस्ते में डाल दिया पर इस से कांग्रेस के मौजूदा जिलाध्यक्ष, कार्यकर्ता और पदाधिकारी तय नही कर पा रहे हैं कि क्या करें। जिसका असर पिछले कई दिनों से जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यक्रमों में भीड़ की संख्या को देखकर लगाया जा रहा है।
सीकर में भाजपा हुई सक्रिय
भाजपा के पूर्व प्रदेश के महामंत्री सतीश पूनिया ने सीकर जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास किया और पदाधिकारियों की नब्ज टटोली। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 सामने हैं। संगठन में कोई नाराजगी है तो उसे दूर किया जाए। जिससे चुनावों में बेहतर परिणाम मिले।
वहीं भाजपा के जिलाध्यक्ष मनोज सिंघानिया भी तेज दौड़ धूप कर रहे हंै। जिससे आलाकमान खुश होकर उन्हें कोई पुरस्कार (ईनाम) से नवाजे। जल्द ही इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी छह अप्रेल से कार्यकर्ताओं के गिले शिकवे सुनने के लिए चार दिन तक सीकर जिले के दौरे पर रहेंगीं।
SIKAR COGRESS को पांच से महज जिलाध्यक्ष की घोषणा का इंतजार
कांग्रेस अभी सिर्फ जिलाध्यक्ष बदलने के फेर में उलझी है। जानकारों की राय मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व केबिनेट मंत्री राजेन्द्र पारीक व पूर्व राज्यमंत्री परसराम मोरदिया सहित सभी दिग्गजों ने जिलाध्यक्ष पद पर कांग्रेस के दिग्गज नेता चौधरी नारायण सिंह के बेटे एव पीसीसी सदस्य वीरेंद्र सिंह के नाम पर सहमति बना ली थी पर पिछले 5 महीने से घोषणा का इंतजार ही हो रहा है।
Published on:
04 Apr 2018 07:38 pm
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