
Rajasthan Politics: राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा 9 जिलों और 3 नए संभागों को खत्म करने के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। सीकर, नीमकाथाना, और अनूपगढ़ समेत कई इलाकों में आम जनता, व्यापारियों और राजनीतिक संगठनों के नेतृत्व में प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को सीकर में हालात कर्फ्यू जैसे नजर आए, जहां बाजार पूरी तरह बंद रहे और हर जगह पुलिस तैनात रही।
सीकर बंद के दौरान नवलगढ़ रोड पर बंद समर्थकों और एक रेस्टोरेंट मालिक के बीच कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि आपस में मारपीट हो गई। दोनों तरफ से देख लेने की धमकियां दी गईं। वहां मौजूद लोगों और कुछ पुलिसकर्मियों ने बीच बचाव किया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
सीकर में जाट बाजार, तापड़िया बगीची, घंटाघर, और रेलवे स्टेशन सहित सभी प्रमुख बाजार बंद रहे। बंद का समर्थन करने वालों ने रैली निकाली और बाजारों में जाकर दुकानों को बंद करवाया। कल्याण सर्किल और जाट बाजार में विरोध प्रदर्शन के दौरान सभा का आयोजन हुआ, जिसमें संघर्ष समिति के नेताओं ने सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बताया।
संघर्ष समिति के सदस्य भागीरथ मल जाखड़ ने चेतावनी दी है कि जब तक सीकर को फिर से संभाग और नीमकाथाना को जिले का दर्जा नहीं दिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। आने वाले दिनों में सड़क जाम और सीएम के पुतले जलाने जैसे उग्र कदम उठाए जाएंगे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने कहा कि भाजपा सरकार ने सीकर से संभाग और नीमकाथाना से जिले का दर्जा छीनकर जनता के साथ अन्याय किया है। इससे किसान और युवा सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। SFI प्रदेशाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने इसे सरकार की जनविरोधी नीति बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की डबल इंजन सरकार विकास नहीं, विनाश कर रही है। एसएफआई जल्द ही सड़कों पर उतरकर बड़े आंदोलन करेगी।
सीकर सांसद अमराराम ने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को समाप्त किया है। निश्चित रूप से इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस जन विरोधी निर्णय के खिलाफ व्यापक आंदोलन कर सरकार को अपना जन विरोधी निर्णय वापस लेने के लिए बाध्य करेंगे।
नीमकाथाना में पिछले पांच दिनों से जिला बचाओ संघर्ष समिति भूख हड़ताल पर है। शनिवार को यहां रैली निकाली गई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। धरने पर बैठे एक युवक ने चेतावनी दी है कि यदि 11 जनवरी तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वह भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर आत्मदाह करेगा।
सरकार के इस फैसले से जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बाजार बंद और प्रदर्शन के चलते सीकर और नीमकाथाना में जनजीवन प्रभावित हुआ है। यह विरोध केवल एक इलाके तक सीमित नहीं है, बल्कि राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। बता दें, सरकार के लिए यह आंदोलन बड़ी चुनौती बनता जा रहा है, जहां जनता और विभिन्न संगठन जिलों और संभागों की पुनर्बहाली की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।
Published on:
04 Jan 2025 07:47 pm
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