
सीकर कांस्टेबल सुसाइड मामला: परिजनों ने दूसरे भी नहीं लिया शव, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े
सीकर.
सीकर में रविवार को कांस्टेबल के फांसी के फंदे पर झूलकर आत्म हत्या ( Sikar Constable Suicide Case) के मामले में एसके अस्पताल में तनाव बढ़ता जा रहा है। आत्म हत्या के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द और सख्त कार्रवाई की मांग के साथ परिजनों ने आज दूसरे दिन भी शव नहीं उठाया। परिजन मार्चरी के बाहर ही धरना देकर बैठे हैं और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश जता रहे हैं। उधर, प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस का जाब्ता भी मौके पर लगातार तैनात है। कलक्टर और एसपी भी मामले पर नजर बनाए हुए हैं। सोमवार को सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
Police Constable Suicide in Sikar : बतादें कि सीकर के महिला थाना के कांस्टेबल लक्ष्मीकांत ने रविवार को राधाकिशनपुरा में फांसी के फंदे पर झूलकर आत्म हत्या कर ली थी। लक्ष्मणगढ़ कस्बे के सिंगोदडा गांव निवासी लक्ष्मीकांत शहर के राधाकिशनपुरा में किराये के मकान पर रह रहा था। आत्म हत्या से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा। जिसमें उसने थानाधिकारी सहित चार पुलिसकर्मियों पर प्रताडऩा का आरोप लगाया था। घटना के बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया। लेकिन, परिजन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए है।
सुसाइड नोट में लिखा: जातिवाद का नाम लेकर प्रताडि़त किया
कांस्टेबल लक्ष्मीकांत ने सुसाइड नोट में लिखा कि श्रीमान जी मैं कांस्टेबल लक्ष्मीकांत 1106 जो पूजा पूनिया व समस्त स्टाफ से परेशान होकर आत्महत्या पर मजबूर हो गया। जो जातिवाद शब्द देकर इन्होंने चलाया। मेरी डयूटी के प्रति लड़ाई होने के कारण मैं 10 सितम्बर को जब महिला थाने में डयूटी पर गया तब से मुकेश चालक की वजह से समस्त जाट बाहुल्य ने मुझ जातिवाद का नाम लेकर मेरा मानसिक रुप से प्रताडि़त किया गया। आज 14 सितम्बर को जब मैं महिला थाना सीकर में डयूटी करके आया तो कांस्टेबल शिवदयाल व हैड कांस्टेबल साबरमल ने मुझे जातिसूचक शब्द कहें। और मुझे मानसिक रुप से प्रताडि़त किया गया। इस कारण मुझे मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ रही है।
Published on:
16 Sept 2019 06:47 pm
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