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Rajasthan: सीकर शहर का बढ़ेगा दायरा, इसी साल जारी होगा नया मास्टर प्लान; UDH मंत्री खर्रा ने दिए संकेत

Sikar Master Plan: सीकर शहर के मास्टर प्लान को लेकर फिर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बयान दिया है। नए मास्टर प्लान के जारी होने के बाद सीकर की शहरी सीमा का दायरा बढ़ना तय है।

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सीकर

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Suman Saurabh

Nov 07, 2024

Sikar Master Plan 2041 Draft publication will be released this year; UDH Minister Kharra gave indications

Sikar Master Plan 2041

सीकर। एक साल से शिक्षानगरी के अटके मास्टर प्लान को लेकर फिर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बयान दिया है। यूडीएच मंत्री खर्रा ने नीमकाथाना में मीडिया से बातचीत में कहा है कि सीकर का मास्टर प्लान इसी साल जारी होगा। सीकर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दिलाने के मामले में कहा कि देखते जाइए इस साल के आखिर तक सारी स्थिति सामने आ जाएगी।

विधानसत्र के दौरान भी यूडीएच मंत्री ने इस साल के आखिर तक मास्टर प्लान को जारी कराने की बात कही थी। लेकिन अभी तक सीकर के मास्टर प्लान 2041 के प्रारूप का भी प्रकाशन भी नहीं हो सका है। प्रारूप का प्रकाशन होने के बाद आमजन से आपत्ति मांगी जाएगी और इसके बाद नया मास्टर प्लान लागू हो सकेगा।

छह महीने में तैयार हुआ, जांच में एक साल

पिछली कांग्रेस सरकार के समय सीकर का मास्टर प्लान तैयार हुआ था। इस दौरान आचार संहिता की वजह से सीकर के मास्टर प्लान का प्रारूप प्रकाशन नहीं हो सका। इस बीच प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार ने दावा किया कि मास्टर प्लान को लेकर जो शिकायत मिली है उनकी जांच कराई जाएगी। लगभग एक साल में भी इनकी जांच पूरी नहीं होने की वजह से मास्टर प्लान अनलॉक नहीं हो सका है।

शहरी सीमा बढ़ना तय

नए मास्टर प्लान के जारी होने के बाद सीकर की शहरी सीमा का दायरा बढ़ना तय है। सूत्रों की माने तो 50 से ज्यादा गांव-ढाणियों को नए मास्टर प्लान में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में गांव-ढाणियों के लोगों को भी नए मास्टर प्लान का इंतजार है।

नुकसान: कैसे चमके रियल एस्टेट कारोबार

शिक्षानगरी सीकर प्रदेश के कई जिलों के जक्शन के तौर पर डवलप हो रही है। रियल एस्टेट सेक्टर में यहां लगातार दूसरे जिलों के निवेशक भी आगे आ रहे है। पिछले एक साल से मास्टर प्लान के अनलॉक नहीं होने की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर को भी बूस्टर डोज नहीं मिल पा रहा है। वहीं मास्टर प्लान में देरी की वजह से कई निवेशक दूसरे शहरों में निवेश करने की तैयारी कर चुके है।

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सरकारी चूक का फायदा उठा रहे बिल्डर

विभाग की ओर से मास्टर प्लान को हरी झंडी नहीं दिए जाने का फायदा कई कॉलोनाइजर की ओर से खुलेआम उठाया जा रहा है। इनको विभाग की ओर से भी खुली शह दी जा रही है। कई लोगों ने दूसरे सुविधा क्षेत्र में आवासीय कॉलोनी डवलप कर दी। इससे सीकर में नियोजित तरीके से होने वाली बसावट पर भी सवाल खड़े हो रहे है।

यदि प्रारूप प्रकाशन के साथ होता शिकायतों का निपटारा

नगर नियोजन विभाग से जुड़े एक्सपर्ट ने बताया कि यदि विभाग की ओर से मास्टर प्लान का प्रारूप प्रकाशन कर विभाग को मिली 20 शिकायतों का निपटारा समय पर किया जाता तो अब तक सीकर की जनता को राहत मिल सकती थी। विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि प्रारूप प्रकाशन के बाद भी आमजन से शिकायत मांगी जाती है। ऐसे में विभाग अब जिन शिकायतों की जांच में लगा है उनका प्रारूप प्रकाशन के साथ भी जांच कराई जा सकती थी।

डोटासरा बोले- सरकार को जारी करना चाहिए मास्टर प्लान

सीकर का मास्टर प्लान एक साल से तैयार है, लेकिन प्रारूप का प्रकाशन भी नहीं हो सका। जनहित में यूडीएच मंत्री को अपने पुराने गृह जिले का मास्टर प्लान जारी कराना चाहिए जिससे शिक्षानगरी का नियोजित तरीके से विकास हो सके। यदि किसी ने मास्टर प्लान को लेकर गड़बड़ी की है तो वह निश्चित तौर पर उजागर होनी चाहिए। सरकार ने विधिक राय के नाम पर दस महीने सेे मास्टर प्लान को अटका रखा है। सरकार की नीति शहर के विकास के बजाय विकास को रोकने की बनी हुई है। शेखावाटी से यूडीएच मंत्री के होेने के बाद भी यहां के लोगों को विकास में फायदा नहीं मिल पा रहा है।

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