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VIDEO : आनंदपाल-राजू ठेहट गैंग में अब शुरू हुआ सोशल वार, FB पर ऐसे डर्टी कमेंट डाल दे रहे धमकी

Anand Pal v/s Raju Thehat Gang

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Social War start Between Anand Pal Raju thehat Gang in Sikar Raj

Social War start Between Anand Pal Raju thehat Gang in Sikar Raj

सीकर. महीनेभर बाद ही एक बार फिर से सीकर में गोलियों ने लोगों की नींद उड़ा दी। पहले पिपराली रोड पर हिस्ट्रीशीटर मनोज ओला पर आधा दर्जन गोलियां दागी गई। वहीं इस बार ओला की गैंग के ही एक साथी को निशाना बनाया गया है। सीकर में फायरिंग का यह ताजा मामला सदर थाना इलाके के गांव सेवा का है। यहां फेसबुक पोस्ट पर किए गए कमेंट ने हाथों में बंदूकें उठवा दी। गनीमत यह रही कि हार्डकोर अपराधी कमरे के बाहर नहीं निकलने से बच गया और हमलावर फायरिंग कर फरार हो गए।

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जानकारी के अनुसार आनंदपाल की मौत के बाद गैंग कमान संभाल रहे सुभाष बराल और राजू ठेहठ की गैंग सदस्यों के बीच एक बार फिर गैंगवार छिड़ गई है। हालांकि इस बार लड़ाई फेसबुक पर डाले गए कमेंट के कारण भडक़ी है। जिसमें हार्डकौर अपराधी सुखदेवाराम के कमरे के बाहर फायर किए गए हैं। जिनमें बराल की गैंग से जुड़े गुर्गों पर उसने शक जताया है। करीब दर्जनभर फायर मकान के गेट व खिडक़ी व दीवार पर किए गए हैं।

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इधर, रात दो बजे सूने गांव में बंदूक की गोलियों की आवाज से दहशत का माहौल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने गोलियों के खाली खौल बरामद कर फायरिंग करने वालों की नाकाबंदी करवाई। लेकिन, उनका सुराग नहीं लग पाया। गौर तलब है कि नौ अगस्त को भी राजू ठेहठ के नजदीकी रहे मनोज ओला पर दिन-दहाड़े फायरिंग कर उसकी जान लेने की कोशिश की गई थी। जिसमें सुभाष सहित चार लोगों के नाम मनोज ओला ने पुलिस को बताए थे। जिनको पुलिस पकड़ नहीं पाई है। इधर, सुभाष बराल और राजू ठेहठ फिलहाल प्रदेश की अलग-अलग जेल में बंद है।


बदला भूल जाने का डाला मैसेज


पिपराली रोड पर जांघों के पास पेरों पर गोलियां लगने के बाद मनोज ओला को गंभीर अवस्था में जयपुर भर्ती कराया था। मनोज ओला का है कि घटना के एक दिन पहले सुभाष ने उसकी फेसबुक पर मैसेज डालकर आइ एम कम बैक की धमकी दी थी। इसके बाद अगले दिन उस पर फायरिंग हो गई थी। लेकिन, जब जयपुर अस्पताल में भर्ती हुआ उसके दो दिन बाद उसकी फेसबुक पर देवेश ने कमेंट डालते हुए लिखा कि बदला लेने की बात भूल जा और पहले अपने इलाज पर ध्यान दे। क्योंकि गोली लगने के बाद नपुंसक बना दिया है तेरे को।

इस पर हार्डकौर अपराधी रहे उसके साथी सुखदेवाराम को मनोज ने देवेश को समझाने के लिए भिजवाया था। हालांकि इस दौरान देवेश घर नहीं मिला तो उसकी मां को सुखदेवाराम और उसके साथी चेतावनी देकर आ गए कि देवेश को बोल देना पंगे से दूर रहे। सूचना पुलिस तक पहुंची तो देवेश से पूछताछ की गई। वहां से छूटते ही देवेश ने फिर मनोज की फेसबुक पर कमेंट डाला बताया कि सुभाष और श्रवण उसके भाई हैं। गाली भी लिखी हुई थी। सुखदेवाराम ने सदर थाना पुलिस को रिपोर्ट देकर श्रवण, देवेश पारीक, हरि व अनिल पर फायरिंग करने की शंका जताते हुए उसे जान से मारने की बात लिखी है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है।


जिस कमरे में सोया, उसमें ज्यादा फायर


हार्डकौर अपराधी सुखदेवाराम के अनुसार गुरुवार को दिन में सदर थाना पुलिस ने उसको बुलाकर पाबंद किया ही था। इससे पहले भी पुलिस उसको बुलाकर यह बता चुकी थी कि वह सावधानी से रहे। क्योंकि कोई उसके पीछे लगा हुआ है। इधर, सदर थाने से गुरुवार को शाम साढ़े पांच बजे निकलकर घर पहुंचने के बाद खाना खाकर वह सो गया। रात करीब दो बजे धमाका सुना तो पहले तो मकान सडक़ किनारे होने पर सोचा कि किसी गाड़ी का टायर फटा होगा।

अगले ही सैकंड एक साथ कई गोलियां चली तो वह समझ गया कि उसे मारने के लिए हमला हो रहा है। सुखदेवाराम ने बताया कि दर्जनभर फायर हुए हैं। ज्यादा गोलियां उसी कमरे के बाहर दागी गई है जिसके अंदर वह और अपनी पत्नी सो रही थी। इसके अलावा एक दूसरे कमरे के गेट के बाहर तथा एक गोली खिडक़ी व दीवार के पास टकराई हुई है। चंद समय बाद उसने झांक कर देखा तो एक कार उसके मकान के पास खड़ी थी और दो जने फायर कर वापस उसमें बैठकर फरार हो गए थे। आशंका जताई कि दोनों युवक श्रवण व देवेश हो सकते हैं।

फेल हो रही नाकाबंदी
घटना के बाद पुलिस की नाकाबंदी भी हमलावरों को पकडऩे में फेल साबित हो रही है। क्योंकि पुलिस की घेराबंदी को तोड़ क्षेत्र में हथियारों के साथ बदमाश दहशत फैला रहे हैं और पुलिस ना तो इनके आने और ना इनके जाने के बाद गिरफ्तार कर पा रही है। हालांकि प्रकरण एएसपी डा. तेजपाल सिंह का कहना है कि पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। फायरिंग करने वालों की तस्दीक कर उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दहशत फैलाना था उदेश्य
सदर थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत के अनुसार घटना स्थल पर गोली के खाली कारतूस बरामद हुए हैं। नौ के करीब फायर हुए हैं। लेकिन, मौका देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि फायरिंग हमलावरों ने केवल दहशत फैलाने के लिए की। क्योंकि यदि वे लोग सुखदेवाराम को मारना चाहते तो कमरे में घुसकर मार भी सकते थे। रिपोर्ट में श्रवण का नाम भी आया है। जिसको पाबंद करने के प्रयास में पुलिस पहले से जुटी हुई थी। लेकिन, उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी।


चुनावी साल, पुलिस लापरवाह
यह चुनावी साल है और मुस्तैदी की जगह पुलिस लापरवाह बनती जा रही है। अब जहां बदमाशों को पकडऩे या पाबंद करना चाहिए, वहां बदमाश खुलेआम गोलीबार कर रहे हैं और पुलिस मूक बनी तमाशा देख रही है।

इनका कहना...
घटना के बाद तस्दीक के लिए डीवाइएसपी को मौके पर भेजा गया था। फायरिंग करने वालों के साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। हालांकि गैंगवार की आशंका को भी ध्यान में रखा जा रहा है।
प्रदीप मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक, सीकर