
सीकर.
शहर के रामलीला मैदान में आयोजित कड़वे प्रवचनों की शृंखला में मुनि तरुण सागर ने मायाजाल के भ्रम से दूर होने की राह दिखाई। मुनि ने कहा कि पैसों से कभी सुख नहीं मिल सकता। इसलिए व्यक्ति को पुण्य कर्म करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि गन्ना टेढ़ा होता है, पर उसका रस मीठा होता है। रेल की पटरी टेढ़ी हो सकती है पर रेल टेढ़ी नहीं हो सकती। इसी प्रकार संसार टेढ़ा हो सकता है पर इस संसार को बनाने वाला टेढ़ा नहीं हो सकता। मन से सरल बनिए, संस्कारों से सरल बनिए। मुनि ने कहा कि बिना पुण्य के कुछ नहीं मिलता, कुछ अमर चाहिए तो पुण्य करें। मैं बड़ा, मैं बड़ा इस बात का झगड़ा है। अगर हम दूसरों की सम्मान आदर देंगे तो वहीं हमें मिलता है। जाति में जन्म लेना संयोग है। भारत का हर आदमी चलता फिरता भारत है। व्यक्ति का सिर जम्मू कश्मीर है जो सिर-दर्द पैदा करता है। जीते जी हम स्वर्ग के आनन्द को पृथ्वी पर भोग सकते हैं इसके लिए दिमाग को ठण्डा रखना सीखना होगा। तुम्हें उन दो का सम्मान जरूर करना चाहिए। एक तो वह जिसने तुम्हे जन्म दिया और दूसरी वह जो तुम्हारे लिए सब कुछ छोड़कर आई है।
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कड़वे प्रवचन भाग-9 का लोकार्पण कल
राष्ट्रसंत तरुण सागर द्वारा रचित कड़वे प्रवचन भाग 9 का लोकार्पण रविवार को होगा। इसके लिए रामलीला मैदान में दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तक जिसकी ऊंचाई 51 फीट है, का लोकार्पण होगा। कार्यक्रम में ज्योति आमगे (दुनिया की सबसे छोटी महिला) सीकर आएंगी।
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बच्चों को दें संस्कार
अपने बच्चों को संस्कार देकर संस्कारवान बनाएं। अगर आपने अपने बच्चे को संस्कार नहीं दिए तो वह आतंकवादियों से भी खतरनाक हो सकते है। शुक्रवार को अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक, सभापति जीवण खां, नपसी आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई, सुरेन्द्र हेगड़े, महेश होलानी, पुरूषोत्तम शर्मा, महेश टीबड़ा, महेश बाकलीवाल, नेता प्रतिपक्ष अशोक चौधरी, प्रवीण संगही, शशि दीवान आदि ने शिरकत की। वहीं अग्रवाल महिला मण्डल सीकर ने भक्ति नृत्य की प्रस्तुति दी।
Updated on:
05 Aug 2017 01:07 pm
Published on:
05 Aug 2017 01:06 pm
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