6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

100 दिन की कार्ययोजना से शिक्षक तबादला नीति, डीपीसी व टेबलेट योजना गायब

संशोधित कार्य योजना में हट शिक्षा विभाग के अहम मुद्दे

2 min read
Google source verification

सीकर

image

Ajay Shrivastav

Feb 02, 2024

सीएम भजनलाल ने सुना केन्द्रीय बजट

सीएम भजनलाल ने सुना केन्द्रीय बजट

राज्य सरकार ने सौ दिवसीय कार्य योजना में संशोधन कर प्रदेश के शिक्षकों व विद्यार्थियों को फिर बड़ा झटका दिया है। संशोधन के बाद सरकार ने शिक्षकों की तबादला नीति के ड्राफ्ट व पदोन्नति को कार्य योजना से बाहर कर दिया है। अधिशेष शिक्षकों के समायोजन व 12वीं पास मेधावी छात्रों के टेबलेट वितरण को भी संशोधित कार्ययोजना में शामिल नहीं किया है। जबकि इन चारों कार्यों को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने इन्हें पहले जारी सौ दिवसीय कार्य योजना में शामिल किया था। ऐसे में संशोधित कार्य योजना से लाखों शिक्षकों व बच्चों को फिर निराशा हाथ लगी है। शिक्षकों ने मामले में आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

17500 पदों की डीपीसी थी शामिल
सरकार की 100 दिवसीय मूल कार्य योजना में सेवा नियमों में संशोधन कर 17500 से ज्यादा शिक्षकों की डीपीसी को शामिल किया गया था। इनमें व्याख्याताओं की 10 हजार से ज्यादा, प्रधानाचार्यो की 8282, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की 1400 पदों पर डीपीसी शामिल थी।

तबादले का ड्राफ्ट गायब, होगी विशेष कमेटी
राज्य सरकार ने शुरुआती कार्य योजना में शिक्षकों के तबादलों के लिए पारदर्शी नीति का 30 दिन में ड्राफ्ट तैयार करना तय किया था। पर संशोधित प्रस्ताव में उसे भी हटा दिया गया है। हालांकि नई कार्ययोजना में एक विशेष कमेटी के गठन का जिक्र है जो
शिक्षकों की सभी तरह की समस्याओं का समाधान करेगी।

यह कार्य प्रस्तावित
संयुक्त शासन सचिव किशोर कुमार द्वारा जारी नई कार्य योजना में सरकार ने 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी पर स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाने, स्कूलों में स्वच्छता, 1500 स्कूलों में स्काउड गाइड की गतिविधि शुरू करने, शिक्षकों के करियर मार्गदर्शक कोर्स, प्रशिक्षण, आईईसी मेटेरियल उपलब्ध करवाने, सार्वजनिक पुस्तकालयों में 15 दिन से युवा महोत्सव आयोजित करने, संभाग स्तर पर पुस्तक मेलों का आयोजन, पीएमश्री स्कूलों में वर्चुअल लैब विकसित करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण व केंद्रों में चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर, पांचवी तक के बच्चों का हॉलिस्टिक कार्ड बनाने, सरकारी स्कूलों में एक हजार कक्ष निर्माण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिविर व शिक्षकों को प्रशिक्षण तथा कक्षा एक से आठ के लिए कंप्यूटर शिक्षण के लिए पाठ्यपुस्तक तैयार करवाने सरीखे कार्य शामिल किए हैं।

इनका कहना है
संशोधित 100 दिवसीय कार्य योजना में डीपीसी का मुद्दा बिल्कुल हटा ही दिया गया। शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से मांग है कि तीन सत्र से अटकी वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता पदों की पदोन्नति प्राथमिकता से की जाए। वरना आंदोलन किया जाएगा।
बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

स्थाई स्थानांतरण नीति के पांच साल के कांग्रेस सरकार के राग अलापने के बाद भाजपा सरकार भी उसी तर्ज पर कार्ययोजना बना रही है। स्कूलों में शिक्षकों का समान वितरण, रिक्त पदों पर नियुक्ति और शिक्षक के स्वाभिमान की रक्षा से ही सार्वजनिक शिक्षा का ढाँचा मज़बूत होगा। संतुष्ट व निर्भीक शिक्षक ही बच्चों को संतुष्ट कर सकता है। पर अफसोस है कि कोई सरकार इन मुद्दों को प्राथमिकता नहीं देती।
उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ ( शेखावत)

पदोन्नति के जरिए शिक्षा विभाग में व्यवस्था बेपटरी है। विभाग को डीपीसी के मुद्दे पर िस्थति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे संशय दूर हो सके। 100 दिन की कार्ययोजना से डीपीसी को हटाने के पीछे क्या वजह रही यह भी विभाग को स्पष्ट करना चाहिए।
विपिन शर्मा, शिक्षक नेता,