
...व्रत के बल पर यमराज से छुड़ा लाई थी पति के प्राण!
सीकर. अंचल में सोमवार को धर्म कर्म का विशेष दिन रहेगा। वर्षों बाद ऐसा योग आ रहा है, जब सोमवार 30 मई को सुकर्मा योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और बुधादित्य योग में वट सावित्री का व्रत होगा। बड़ अमावस्या, सोमवती अमावस्या का पूजन होगा और शनि जयंती मनाई जाएगी। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि सोमवार को ज्येष्ठ कृष्णा अमावस्या है। इसे बड़ अमावस्या भी कहते हैं। बड़ अमावस्या पर महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ वट वृक्ष बड़ के पेड़ का पूजन करेगी और बड़ के पत्तों को गहने के रूप में धारण करेंगी। सोमवार को अमावस्या होने से यह सोमवती अमावस्या हो गई। सोमवती अमावस्या पर महिलाएं पीपल के पेड़ का पूजन कर दान पुण्य करेगी। आस्थावान लोग अमावस्या पर अपने पितरों के नाम तर्पण पूजन कर ब्रह्म भोज कराएंगे। इसके अलावा शनि जयंती पर शनि मंदिरों में तेलाभिषेक का दौर चलेगा। जिन लोगों की कुंडली में शनि चौथे, आठवें और बारहवें भाव में हो अथवा शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो। वह इस दिन शनि से संबंधित चीजों का दान करें और गरीबों को भोजन कराए। इसके अलावा शनिदेव को तेल से अभिषेक करे।
सोमवती अमावस्या होने से तीर्थ स्थानों पर विशेष दान पुण्य का दौर चलेगा। लोग गंगा नदी में स्नान करेंगे और दान पुण्य करेंगे।
पर्यावरण को समर्पित है हमारे व्रत और त्योहार
हमारे व्रत त्योहार पर्यावरण को समर्पित है। बड़ अमावस्या हमें बड़ के पेड़ का संरक्षण करने का संदेश देती है । सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ का पूजन किया जाता है। लिहाजा हमें यह संदेश मिलता है कि सोमवती अमावस्या पर हमें एक पीपल का पेड़ पूर्वजों के नाम लगाना चाहिए। पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है और पीपल हमें 24 घंटे ऑक्सीजन देता है इसके अलावा भी वर्ष भर में कई व्रत पर्व ऐसे आते है, जो पर्यावरण और पेड़ो के संरक्षण से हमे जोड़े रखते हैं। जब हम पेड़ लगाकर उनके संरक्षण का कार्य करते हैं।
तीर्थ स्थलों पर रहेगी भीड़
सोमवती अमावस्या पर सोमवार को तीर्थ स्थलों पर भीड़ रहेगी। लोहार्गल में रात से ही लोग जुटना शुरू हो गए। सुबह स्नान कर पुण्य प्राप्त करेंगे। वहीं किरोड़ी धाम व दूसरे तीर्थ स्थलों पर भी अमावस्या पर स्नान करने वालों की भीड़ रहेगी।
Published on:
29 May 2022 07:29 pm
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