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VIDEO : सीकर में फिर होगा किसान आंदोलन, इस बार की जा रही हैं ये जबरदस्त तैयारियां, जानिए कब-क्या होगा?

अखिल भारतीय किसान सभा ने राज्य सरकार के साथ कर्ज माफी को लेकर हुए समझौते में देरी के कारण फिर से सीकर किसान आंदोलन की तैयारी कर ली है।

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Sikar kisan andolan again

सीकर. अखिल भारतीय किसान सभा ने राज्य सरकार के साथ कर्ज माफी को लेकर हुए समझौते में देरी के कारण फिर से सीकर किसान आंदोलन की तैयारी कर ली है। सीकर किसान सभा ने फरवरी तक अलग अलग तरीके से आंदोलन चलाने व फिर जयपुर कूच की चेतावनी दी है। माकपा कार्यालय में गुरुवार को पत्रकार वार्ता कर किसान सभा के अमराराम ने बताया कि 11 सूत्री मांगों को लेकर एक बार फिर जिले में आंदोलन कर जयपुर के लिए कूच करेंगे।

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आंदोलन को लेकर रूपरेखा बना ली गई है। इसके तहत दिसंबर में गांवों में किसान सभा की सदस्यता बनाकर कमेटियां बनाई जाएगी। गांवों में प्रशासन के रात्रि चौपालों में इन मांगों के संबंध में ज्ञापन देकर विरोध किया जाएगा। उसके बाद तहसील व पंचायत स्तर पर किसान संसद बुलाकर तैयारी की जाएगी। फरवरी माह के अंत तक विधानसभा सत्र में जयपुर कूच किया जाएगा। किसान इस बार पैदल ही जयपुर के लिए कूच करेंगे। रास्ते में किसानों के कई पड़ाव होंगे।

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अमराराम ने कहा कि एक से 13 सितंबर तक किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने चार मंत्रियों कि कमेटी बनाकर 50 हजार रूपए तक का कर्जा माफ करने सहित अन्य 10 मांगों पर समझौता किया था। एक माह में इस समझौते को लागू करने आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन तीन महिने पूरे होने के बावजूद सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है।

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राज्य में गूंगी बहरी सरकार
प्रेस वार्ता में किसान सभा के नेता अमराराम ने कहा कि राजस्थान का दुर्भाग्य है कि राज्य में गूंगी-बहरी सरकार है। ये सिर्फ वादा खिलाफी का काम कर रही है।

20 नवंबर को देश के 184 किसान संगठनों ने किसान सभा के साथ मिलकर दिल्ली में संसद भवन के सामने किसान संसद बुलाकर दो कानून सर्वसम्मति से पास किए। इसमें किसानों के सभी कर्जे माफ करने व किसानों को लागत में 50 प्रतिशत जोडकऱ भाव देना शामिल था। सरकार केवल करोड़ों रुपए खर्च कर चार साल पूरे होने का जश्र मना रही है। किसान विरोधी सरकार के खिलाफ सीकर जिले सहित पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। सरकार से किसानों के सभी कर्ज माफ करने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करने संबंधी मांग की जाएगी। आम जनता को दूध का लाभकारी भाव देकर किसानों से आने वाले पूरे दूध की भी सरकार खरीद करें।