राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर उपखण्ड के आसपुरा गांव में 10 जनवरी 1998 को जन्मे सोनू ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स खेलों में भाग लिया तथा टीम को कांस्य पदक दिलवाया।
उसके पिता मुरलीधर ह्रदय रोग से पीडि़त हैं। सोनू की मां सुरजी देवी गृहिणी हंै, जो घर के कामकाज के साथ-साथ खेती-बाड़ी का काम संभालती है। बड़ी बहन बरखा बीएड कर रही है। सोनू का बड़ा भाई संदीप को गरीबी के कारण बीच में पढ़ाई छोडऩी पड़ी। अभी वह निजी संस्थान में नौकरी कर रहा है।
यूं तय हुई मंजिल
सोनू को बचपन से ही वॉलीबाल खेलने का शौक रहा। छह फीट 10 इंच की लम्बाई के सोनू ने दसवीं तक की पढाई गांव के ही सरकारी विद्यालय में पूरी की। इसके बाद बड़े भाई संदीप ने सोनू को जयपुर के महाराजा जवाहर सिंह जाट छात्रावास में दाखिला दिलाया। वहां रहते हुए जाखड़ ने शुरुआत में एसएमएस स्टेडियम में अभ्यास करना शुरू किया। इसके बाद एक वॉलीबाल अकादमी में प्रवेश लिया। लगातार मेहनत के बाद सोनू का वर्ष 2013 में राजस्थान की वॉलीबाल टीम में चयन हो गया। इसके बाद तो उसने पीछे मुड़कर ही नहीं देखा।
यहां भी दिखा चुका प्रतिभा
-वर्ष 2013 में राजस्थान वॉलीबाल टीम में चयन।
-वर्ष 2013-14 में उत्तराखंड में जूनियर नेशनल, 2014 में जूनियर नेशनल चंडीगढ़, 2015-16 में यूथ नेशनल नागपुर, 2016-17 में यूथ नेशनल जयपुर, 2016 में जूनियर इंडिया कैंप में हिस्सा लिया।
-वर्ष 2017-18 में एशियन गेम्स पटियाला कैम्प सहित विभिन्न खेलों में भाग लिया।
-इस वर्ष जून माह में भारतीय टीम में चयन।
-17 से 22 जुलाई तक जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स खेलों में गई भारतीय टीम में शामिल। टीम ने कांस्य पदक जीता।
आज आएगा घर
वर्तमान में भारतीय सेना में हवलदार सोनू ब्रिक्स खेलों में भाग लेने के बाद शनिवार को पहली बार गांव आएगा। अपने लाडले के स्वागत के लिए मूंडरू सहित अनेक गंावों के युवाओं में जोरदार उत्साह है। वे जगह-जगह स्वागत की तैयारियां कर रहे हैं।