
Watch: पत्नी बोली- मैड़म मेरे पति को टॉर्चर करती थी, खाना भी नहीं खाने देते थे, थाने का सिस्टम काफी गंदा है
सीकर.
कांस्टेबल लक्ष्मीकांत ( Constable Laxmikant Suicide Case Sikar ) के शव का दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। मोर्चरी के बाहर 48 घंटे बाद भी सैंकडों लोग दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर अड़े हुए है। फिलहाल शव मोर्चरी में रखा हुआ है। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम भी कराए जाने से मना कर दिया है। परिजनों की मांग है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं होंगे तब तक वे बैठे रहेंगे। वहीं एसके अस्पताल में दिनभर डीएसपी सौरव तिवाड़ी, डीएसपी बलराम सिंह, कोतवाल श्रीचंद सिंह परिजनों से पोस्टमार्टम करवाकर शव लेने के लिए समझाइश करते रहे। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया गया।
मैड़म मेरे पति को टॉर्चर करती थी, खाना भी नहीं खाने देते थे, महिला थाने का सिस्टम काफी गंदा है
कांस्टेबल लक्ष्मीकांत की पत्नी ( Interview of Constable's Wife Sikar ) लक्ष्मणगढ़ ससुराल में है। वह बार-बार पति की बात सुनकर बेहोश हो रही है। परिवार के लोगों ने उसे अभी कुछ नहीं बताया है। लक्ष्मीकांत की पत्नी सुनीता ने राजस्थान पत्रिका से कहा कि मेरे पति जा चुके है। पर थाने में रोजाना मेरे पति को मैड़म टार्चर करते थे। गलत बातें बोलते थे। उन्हें रोज हर समय परेशान करते थे। मैडम दिन में खाना भी खाने नहीं देती थे। मेरे पति के पीछे पड़ी थी। पहले दिन से ही उन्हें परेशान करने लग गए थे। पहले पूरे दिन बैठा कर रखा था। चालक मुकेश को रिलीव नहीं कर रहे थे। वो रात को सवा नौ बजे के आसपास घर आए थे। रोजाना इसी टाइम आते थे। वे काफी मायूस बैठे थे। मैंने कहा कि सब ठीक हो जाएगा। तब मैंने खाना खाने के लिए कहा तो बोले कि मन नहीं है। बोले कि थाने का सिस्टम काफी गंदा है। तब मैंने कहा कि आपको सिस्टम से क्या लेना है। कुछ दिन के बाद ट्रांसफर करवा लेंगे। मैंने कहा कि आप खाना खा लो, तब वे बोले कि भूख नहीं है। मैं दूध पी लूंगा। रात को करीब एक बजे उसकी अचानक आंख खुली तो देखा वो बैड पर नहीं है। फोन किया तो रसोई से आवाज आ रही थी। वहां पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजे को काफी खोलने का प्रयास किया पर खुला नहीं। तब नीचे से मकान मालिक को बुलाया। वह रोते हुए बोली कि मेरे पति वापस नहीं आएगेंं, पर दोषी पुलिसकर्मियों को सजा जरुर मिलनी चाहिए।
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मेरा बेटा जिंदादिल था
Crime in Sikar : मृतक कांस्टेबल लक्ष्मीकांत के पिता प्यारेलाल का कहना है कि जब उसके बेटे की मौत के जिम्मेदार दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। वह लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि लक्ष्मीकांत एक जिंदादिल लडक़ा था। उसे बहुत ज्यादा प्रताडि़त किया गया इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया। वह पिछले चार दिन से सदमे में चल रहा था। घटना के दिन भी उसने खाना तक नहीं खाया।
रात को रसोई में लगाई फांसी
शनिवार रात को लक्ष्मीकांत पुत्र प्यारेलाल निवासी सिंगोदडा, लक्ष्मणगढ़ ने रसोई में सुसाइड नोट लिख कर फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। उसने सुसाइड़ से पहले पुलिसकर्मियों को भी मोबाइल पर वायरल किया। मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में लक्ष्मीकांत ने महिला थानाधिकारी पूजा पूनिया, चालक मुकेश, हैड कांस्टेबल झाबरमल व कांस्टेबल शिवदयाल से प्रताडि़त करना लिखा था। वह महिला थाने में चार दिन पहले ही पदस्थापित हुआ था। मृतक कांस्टेबल लक्ष्मीकांत नायक के भाई पंकज ने महिला थानाधिकारी पूजा पूनिया, चालक मुकेश, हैड कांस्टेबल झाबरमल व कांस्टेबल शिवदयाल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने व एससीएसटी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है
Published on:
17 Sept 2019 11:41 am
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