प्री मानसून का इंतजार
गौरतलब है कि प्रदेश में जनवरी से लेकर मई के प्रथम सप्ताह तक लगातार कुछ दिनों के अंतराल पर आ रहे पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) वर्तमान में ऊपर की ओर उत्तरी दिशा में सरक गए हैं, जो अफगानिस्तान और चीन के ऊपर से होकर गुजर रहे हैं। उत्तरी भारत में ये विक्षोभ ही बादल, बरसात और आंधी लेकर आते हैं। पश्चिमी राजस्थान में बीते 6 दिन से एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन (उलटी दिशा में घूमती हवा) बना हुआ है, जो भयंकर गर्मी का सबसे बड़ा कारण है। इसको हटाने के लिए विक्षोभ चाहिए, लेकिन मानसून सामने (हिंद महासागर) होने से विक्षोभ के नीचे आने की अब कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार अब प्री मानसून की बारिश ही भीषण गर्मी से राहत दिला सकती है।
कहां से आते हैं पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ पूरे साल भर भूमध्यसागर, लाल सागर और केरेबियन सागर में बनते हैं। मानसून के मौसम को छोडक़र ये हमेशा भारत के हिमालय क्षेत्र से टकराकर उत्तरी भारत में मौसम बदलते हैं। सर्दियों में बारिश भी इन्हीं के कारण होती है।