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सिंगरौली की हवा हुई खराब, प्रदेश के सर्वाधिक 5 शहरों में शामिल ऊर्जाधानी

वायु गुणवत्ता सूचकांक 225 के पार, वायु में नमी बन रहा सांस में तकलीफ का कारणमोरवा, जयंत व दुद्धीचुआ क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण, सरई में भी खराब हो रही है आबोहवा ...

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Air pollution in Singrauli included in top 5 cities of state

Air pollution in Singrauli included in top 5 cities of state

सिंगरौली. ऊर्जाधानी सिंगरौली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढऩे लगा है। प्रदूषण के प्रमुख कारणों को नियंत्रित करने की असफलता और वायु में बढ़ती नमी के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स 225 से पार चला गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को सिंगरौली प्रदेश के सबसे प्रदूषित 5 शहरों में चौथे स्थान पर रहा है। जिले में मोरवा, जयंत, निगाही व दुद्धिचुआ के अलावा सरई क्षेत्र में सर्वाधिक प्रदूषण देखा जा रहा है।

जिले में बढ़ता वायु प्रदूषण आसमान में छाए धुंध के रूप में स्पष्ट देखने को मिल रहा है। रविवार को बाद से जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) लगातार 200 से अधिक है। बुधवार को भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सिंगरौली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 225 दर्ज किया गया। यह इंडेक्स औसत माना जा रहा है। मोरवा, जयंत व निगाही सहित अन्य क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक माना जा रहा है।

प्रदेश में ग्वालियर सबसे अधिक प्रदूषित
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से समीर एप पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को प्रदेष में ग्वालियर शहर सबसे अधिक प्रदूषित रहा। दूसरे स्थान पर उज्जैन, तीसरे स्थान पर इंदौर और चौथे स्थान पर प्रदेश की राजधानी भोपाल व सिंगरौली शहर रहा है। प्रदूषित शहरों में कटनी पांचवें स्थान पर रहा है। ग्वालियर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 304, उज्जैन में 294, इंदौर में 238, भोपाल व सिंगरौली में 225 और कटनी में एयर क्वालिटी इंडेक्स 207 दर्ज किया गया।

100 एक्यूआइ तक ठीक स्थिति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक एक्यूआइ यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम है तो उसे संतोषजनक माना जाता है। एक्यूआइ 100 से 200 तक होने पर सांस लेने में लोग असहज महसूस करने लगते हैं। एक्यूआइ 200 से अधिक है तो इसे वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति माना जाता है। इस हवा में दमा व एजर्ली के मरीज बीमार हो जाते हैं। एक्यूआइ 300 से अधिक होता है तो वह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है।

वायु प्रदूषण की ये है प्रमुख वजह
जिले व आसपास के क्षेत्र में विद्युत उत्पादक कंपनियों की 20 चिमनियां 24 घंटे जहरीला धुआं उगलती हैं। साथ ही 4 हजार से अधिक वाहन पूरे समय कोयला परिवहन करते हैं। वायु प्रदूषण की यही प्रमुख वजह है। प्रदूषण को कम करने के लिए चिमनियों में एफजीडी (फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन) सिस्टम लगाने का निर्देश है। अभी ज्यादातर कंपनियों में कार्य जारी होने का हवाला दिया जा रहा है। गौरतलब है कि जिले में एनटीपीसी विंध्यनगर की छह, एनटीपीसी सिंगरौली शक्तिनगर की चार, हिंडालकों की छह, रिलायंस में तीन व एस्सार पॉवर में एक चिमनी प्रदूषण का कारण बन रही है।

सिंगरौली में सात दिन की स्थिति
26 दिसंबर को 231
25 दिसंबर को 207
24 दिसंबर को 197
23 दिसंबर को 219
22 दिसंबर को 175
21 दिसंबर को 175
20 दिसंबर को 165

वर्जन -
हवा में नमी के चलते वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। विगत वर्षों की तुलना में प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ। प्रयास जारी है। वर्ष 2024 में प्रदूषण से बड़ी राहत मिलेगी। निर्देश के अनुरूप कंपनियां एफजीडी लगाने सहित अन्य प्रबंधन में जुटी हैं।
मुकेश श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अधिकारी मप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।