
सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तरह करने की कवायद चल रही है, वहीं बच्चों और शिक्षा का स्तर भी सुधारने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कुछ शिक्षक सरकारी स्कूलों को बदनाम करते हैं। शिक्षा के मंदिर में यह शिक्षक शराब के नशे में स्कूल जाते हैं और अपनी हरकतों से हंसी के पात्र बन जाते हैं। ऐसे ही शिक्षकों के वीडियो और फोटो आए दिन वायरल हो रहे हैं।
शराब के नशे में धुत में होकर स्कूल जाने शिक्षकों के एक के बाद एक तीन मामले सामने आ चुके हैं। अभी कई और शिक्षकों की शिकायत अधिकारियों के पास की गई है। स्कूलों में शिक्षकों के बेलगाम होने की मुख्य वजह अधिकारियों की उदासीनता है। शिक्षा अधिकारियों की ओर से स्कूलों में निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। चाहे वो डीपीसी हों या डीइओ। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पूरी तरह से मनमानी की जा रही है। डीपीसी के गांव बिहरा सहित आसपास के प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक नशे में धुत होकर स्कूलों में पहुंच रहे हैं। इनमे से ज्यादातर डीपीएस के करीबी और चहेते हैं। इसलिए स्कूलों में निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। यह जानकर हैरानी होगी कि जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ डीपीएस आरके दुबे ने अभी तक एक भी स्कूलों में औचक निरीक्षण करने के लिए नहीं गए हैं। इसलिए गांवों में संचालित हो रहे स्कूलों के शिक्षक बेलगाम हो गए हैं।
इनकी भी शिकायत
ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी व डीपीसी के पास पहुंची है। मगर लापरवाह अफसरों की ओर से जांच व कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी जा रही है। बताया गया है कि सरई, बगदरा, मझौली पाठ, निवास क्षेत्र के कई शिक्षक प्राचार्य शराब पीकर स्कूल आते हैं। यहां तक कि प्राचार्य और प्रधानाध्यापक भी शराब के नशे में स्कूल में पहुंच रहे हैं। तिनगुड़ी व गड़हरा में भी एक प्राचार्य शराब पीकर स्कूल में पहुंचते हैं।
केस-1: संकुल कर्सुआराजा की माध्यमिक शाला घूनी में पदस्थ सहायक अध्यापक रामलल्लू साकेत शनिवार को शराब के नशे में स्कूल पहुंचा। यहां कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के दौरान गालियां देने लगा। वहीं स्कूल में खाना बना रही रसोइयां के साथ भी कहासुनी करने लगा। जानकारी मिलने पर स्टाफ के शिक्षकों ने कक्षा में पहुंचकर शिक्षक को समझाने की कोशिश किया लेकिन शराब के नशे में धुत शिक्षक स्टाफ को भी गाली देने लगा।
केस-2: बरगवां संकुल की हायर सेकंडरी स्कूल बेटहाडाड़ के उच्च श्रेणी शिक्षक शिवकुमार आदर्श नशे में धुत होकर छात्रों को पढ़ाने पहुंचा था। कक्षा के छात्रों ने नशे में होने का विरोध किया तो शराबी शिक्षक ने कहासुनी करते हुए गाली-गलौज करने लगा। उच्च श्रेणी शिक्षक को नशे में होने की जानकारी पर विद्यालय के अन्य स्टाफ ने शिक्षक शिव कुमार को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नशे के आगे किसी को नहीं सुना।
वरिष्ठ शिक्षक भी विभाग को कर रहे शर्मसार
कहने को तो शिक्षकों को विद्यालय में अनुशासन का पालन करना चाहिए मगर लापरवाह शिक्षकों ने सबकुछ नजरअंदाज कर दिया है। यह हाल केवल प्राइमरी व पूर्व विद्यालयों में नहीं बल्कि हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में भी देखने को मिल रहा है। अभी हाल ही में प्राथमिक से लेकर पूर्व माध्यमिक व हायर सेकंडरी स्कूल के तीन शिक्षकों की अनुशासनहीनता सामने आई है। इन शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी गई है। मगर अभी ज्यादातर शिक्षकों की शिकायत डीपीसी व डीइओ के पास पहुंची है। स्कूलों में औचक निरीक्षण करने पर ही हकीकत का पता चल पाएगा।
Updated on:
08 Nov 2022 06:19 pm
Published on:
08 Nov 2022 06:16 pm
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