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उच्च न्यायालय ने सेन्चुरी में खनन पर लगाई रोक, जाने क्यों

मामला दस वर्ष पूर्व निरस्त हो चुके पट्टे को अवैध तरीके से संचालित करने का

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Suresh Kumar Mishra

Mar 30, 2016

singrauli news

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सिंगरौली।
जिले में अवैध खननकर्ताओ द्वारा की ध्वस्त कर दी गयी कानून व्यवस्था पर माननीय उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सेन्चुरी में हो रहे खनन पर तत्काल रोक लगाते हुए संबंधितो को अपना पक्ष रखने के आदेश दिए है।
जिले में अवैध खनन के खिलाफ शुरू की गयी पत्रिका की मुहीम को दूसरी सफलता मिली जब माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने सेन्चुरी में हो रहे अवैध खनन को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश जारी किये।

सोनभद्र के इलाको में पडऩे वाले कैमूर वन्य जीव विहार के ग्राम गुरदह, ससनई, कनछ, गोरादह, चुनरियाटोला व पटवध में वर्ष 2001 में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर लगभग एक दर्जन से ज्यादा बालू की खादाने स्वीकृत करा ली गयी थी। वन्य जीव प्रभाग को अपनी सीमा में स्वीकृत इन लीजों का जब पता चला तो विभाग ने कार्यवाही करते इन अवैध खादानों को निरस्त कराया।

मौजूदा अखिलेश सरकार में खनन की कोई नीति न बनने से बेचौन खनन कर्ताओ ने सेन्चुरी की प्रतिबद्धता को समाप्त करने के उद्देश्य से माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्ष 1995 में टीएन गोड्डावर्मन तिरुमलपाद बनाम यूनियन आफ इण्डिया के फैसले का हवाला देते हुए दस वर्ष पूर्व निरस्त लीज को चालू करने के लिए राज्य सरकार के शासनादेश का सहारा लेकर इनमें दोबारा बेलगाम अवैध् खनन शुरू करा दिया।

न्यायालय ने रोकने के दिए थे निर्देश
जैव विविधता वाले सोन नदी के इर्द गिर्द सेन्चुरी की परिधि में बेलगाम अवैध खनन से नष्ट हो रहे पारिस्थितिकी को बचाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय में सिविल याचिका संख्या 8 013/2016 ओमप्रकाश बनाम उप्र सरकार में माननीय उच्चन्यायालय ने हो रहे अवैध खनन को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिये ।

गौरतलब हो कि अवैध खनन के खिलाफ पत्रिका की मुहीम में अपने 6 मार्च के अंक में घण्टो चली जाँच पड़ताल के शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी । सदर तहसील के ग्राम गुरुदह में आराजी संख्या 246 /1 में जो की सेन्चुरी की परिधी में आता है में हो रहे अवैध खनन में सभी तथ्यों को सुनते हुए कैमूर वन्य जीव विहार के प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा शासन में दर्जनों पत्र लिख कर सेन्चुरी की परिधी में आने वाली इन लीजो में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करने के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए खनिज निदेशालय ने किन परिस्थितियों में इन बालू के पट्टो को दस वर्षो के बाद एक बार पुन: चालू करा दिया है इसका जबाब प्रमुख सचिव खनन को दाखिल करने और मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होने के आदेश दिये।

जानकारी के अभाव में प्रशासन लाचार
जिले के खनन के मामले में आला अधिकारियों को कोई जानकारी न होने का मामला कई बार उठाया है । नवागत जिलाधिकारी ने भी आते ही जिले में पूर्व में आला अधिकारियों को अँधेरे में रखकर कार्य कराये जाने की बात को स्वीकार किया । अवैध खनन में करोडो की काली कमाई के चलते खनिज विभाग और खनन कर्ताओ ने एक नौकरशाह और राजनेता गठजोड़ बनाया है और यह गठजोड़ प्रतिमाह 25 करोड़ रुपये प्रतिमाह अवैध रूप से वसूल कर रहा है।

अवैध खनन के लिये खुद के बदले नियम
जिले में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था का नायाब नमूना मौजूदा खनन है सदर तहसील के ग्राम गुरदह के आराजी संख्या 245 में सन्नी इण्टर प्राईसेस के बालू के पट्टे को खनिज विभाग बंद कर रखा है और उसके बगल में आराजी संख्या 246 /1 में द्वारिका प्रसाद के पट्टे को संचालित करा रहा है ।

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