
Krishi Vigyan Kendra self-dependent, responsibility on five department
सिंगरौली. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र को विकसित करने की योजना बनाई गई है। यदि योजना सफल रही तो अगले पांच वर्ष में केंद्र पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगा। कलेक्टर ने पांच विभागों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है और उनसे प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा है। प्राथमिकता देवरा में स्थित कृषि प्रक्षेत्र में जल्द से जल्द सिंचाई की व्यवस्था बनाने की है। निर्देश के मुताबिक सभी पांचों विभागों ने कार्य शुरू कर दिया है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी व कृषि वैज्ञानिक डॉ. जय सिंह के मुताबिक सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो अधिकतम पांच वर्ष में केंद्र विज्ञान केंद्र पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगा। केंद्र को किसी भी तरह की फंडिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। फसलों पर प्रयोग से लेकर प्रशिक्षण तक सभी कुछ कृषि प्रक्षेत्र से होने वाली आमदनी के जरिए संचालित किया जा सकेगा।
कृषि प्रक्षेत्र में ट्रैक्टर सहित अन्य वाहनों के आवागमन की सुविधा के मद्देनजर सड़क निर्माण की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। केंद्र प्रभारी से सुझाव लेकर प्रस्ताव तैयार करने की निर्देश दिया गया है। साथ ही प्रक्षेत्र में एक बड़ा तालाब बनाने का भी निर्देश है। तालाब बनाने का निर्णय सिंचाई की आपातकालीन व्यवस्था के मद्देनजर लिया गया है।
सिंचाई सुविधा के लिए बनेगा चैकडैम
वर्तमान में कृषि प्रक्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है। कलेक्टर ने इसकी जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचइ) को दी है। जल संसाधन विभाग एक ओर जहां स्थाई सिंचाई व्यवस्था के मद्देनजर प्रक्षेत्र के पास मयार नदी में चेकडैम बनाएगा। वहीं सिंचाई की तत्कालिक व्यवस्था के लिए पीएचइ को नलकूप खनन का निर्देश दिया जाएगा।
फल, फूल व अनाज से होगी आमदनी
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो अगले पांच वर्ष में फल, फूल व अनाज की बड़े पैमाने पर खेती शुरू करने के साथ ही उत्पादन भी प्राप्त होने लगेगा। दावा है कि इस आमदनी से कृषि विज्ञान केंद्र की सभी गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी। केंद्र प्रभारी के मुताबिक वर्तमान में केंद्र की सभी गतिविधियों को संचालित करने के लिए 10 लाख रुपए वार्षिक बजट मिलता है।
मत्स्य पालन की भी होगी शुरुआत
कृषि प्रक्षेत्र में मत्स्य पालन और पोल्ट्री फॉर्म की शुरुआत की जाएगी। बतौर प्रदर्शन मत्स्य पालन की जिम्मेदारी मत्स्य विभाग को दी गई है, जबकि पोल्ट्री फॉर्म कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से संचालित किया जाएगा। प्रक्षेत्र में यह दोनों व्यवस्था कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं के प्रशिक्षण के मद्देनजर बनाई जा रही है। गौरतलब है कि कृषि महाविद्यालय के छात्र यहां बीच-बीच में प्रशिक्षण के लिए आते हैं।
पॉलीहाउस में शुरू होगी खेती
कृषि प्रक्षेत्र में अब पॉलीहाउस में खेती की शुरुआत होगी। उद्यानिकी विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कलेक्टर के निर्देश पर उद्यानिकी विभाग की ओर से इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी गई है। पॉलीहाउस में छोटे-छोटे रकबा में प्रयोग आधारित सामान्य फसल के साथ फलों व सब्जियों की भी खेती की जाएगी। बजट उद्यानिकी विभाग को ही खर्च करना होगा।
विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी
कृषि विज्ञान केंद्र को दिए गए प्रक्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं। कई विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। कोशिश है कि कुछ अच्छा हो सके।
अरुण कुमार परमार, कलेक्टर सिंगरौली।
Published on:
24 Feb 2023 11:32 pm
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