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राजधानी में बदहाली!

कहीं लगा पार्सल का ढेर तो कहीं पसरी मिली गंदगी

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sirohi

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आबूरोड. रेलवे की वीआईपी ट्रेन दिल्ली-अहमदाबाद राजधानी एक्सप्रेस में सुखद यात्री सुविधाएं मुहैया करवाने का जिम्मा जिस फर्म व अधिकारियों को दिया गया है, उन्होंने ही मालगाड़ी बना दिया है। ट्रेन के यात्री कोच में ही अनाधिकृत रूप से पार्सल व सामान का परिवहन किया जा रहा है। गैलेरी में जगह-जगह पड़े सामान के कारण यात्रियों को भी आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ट्रेन में अधिकतर वीआईपी सफर करते हैं, इसके बावजूद हालात में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। पत्रिका टीम ने शनिवार को फिर ट्रेन में जायजा लिया तो हाल जस के तस नजर आए। इसमें रेलवे के उच्चाधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ रही है। यात्री उत्कृष्ट सुविधाओं की आस में अधिक राशि चुकाकर वीआईपी ट्रेन में सफर तो करते हैं, पर सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं।
पेंट्री कार में बिना ग्लब्स व टोपी के खाना पकाते कार्मिक गुणवत्ता व शुद्धता पर प्रश्न चिह्न लगा रहे थे। कोच में रखे पार्सल व कार्मिकों के सामान के कारण यात्रियों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एक यात्री ने बताया कि गैलेरी के बीच में रखे इन पार्सलों के कारण आवाजाही में परेशानी होती है। स्टाफ को शिकायत करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है।
कोच में जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर यात्रियों का मुंह चिढ़ा रहे थे। ट्रेन की स्थिति देखकर केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान के प्रति रेलवे के रुख का भी सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
यात्री की जुबानी
दिल्ली से आबूरोड आए यात्री योगेश शर्मा ने बताया कि वह ट्रेन के ए-४ कोच में सफर कर रहे थे। पूर्व में जो इस ट्रेन में स्वच्छता होती थी, अब हालात उससे बिल्कुल विपरीत हो गए हैं। कोच में जगह-जगह रखे सामान के कारण आवाजाही में परेशानी हो रही थी। व्यवस्थाएं बिल्कुल भी संतोषजनक नजर नहीं आईं।कैमरा देखकर इधर-उधर होने लगे कार्मिक
ट्रेन में यात्रियों की सुविधाएं सुचारू रखने की जिम्मेदारी मैनेजर की होती है। पत्रिका ने जब स्वयं को मैनजर बता रहे शख्स से सवाल किए तो कैमरा देखकर इधर-उधर खिसकने लगे। कार्मिक भी कैमरा देखकर दौड़ते दिखाई दिए। इससे कार्मिकों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।