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मुस्लिम देश में बना पहला हिंदू मंदिर, भव्यता देख हर कोई हैरान, राजस्थान से ऐसा बड़ा कनेक्शन

Hindu temple in Abu Dhabi मंदिर को बेस्ट मैकेनिकल प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर-2009, एमईपी मिडल ईस्ट अवार्डस, बेस्ट इन्टीनियर डिजाइन कॉन्सेप्ट ऑफ द ईयर-2020 प्राप्त हुआ है।

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Hindu temple in Abu Dhabi मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात के आबूधाबी में पहला भव्य हिन्दू मंदिर का निर्माण हो चुका है और आज बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर वैदिक मंत्रों के साथ बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था के प्रमुख महन्त स्वामी महाराज, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं यूएई के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन रशीद अल की मौजूदगी में इस हिन्दू मन्दिर की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसको लेकर समस्त हिन्दू धर्मावलम्बियों में खुशी है, लेकिन सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा, सरुपगंज व आसपास के कलाकारों में एक अलग ही खुशी देखने को मिल रही है। क्योंकि विदेश में निर्मित इस हिन्दू मंदिर में भी इन कलाकारों का योगदान रहा है। मंदिर में लगे पत्थरों की नक्काशी भी पिण्डवाड़ा व आसपास के शिल्पकारों ने ही की है। हालांकि यहां के शिल्पकारों की कला अब तक हजारों मंदिरों की शोभा बढ़ा रही है। इनमें स्वामिनारायण संस्था के ही बहुत से मंदिर है। मन्दिर में 50,000 घनफीट मार्बल, 1.80 लाख घनफीट गुलाबी पत्थर, 18 लाख ईंट का उपयोग व 6.89 लाख घंटे मानव कार्य किया गया है।

मन्दिर निर्माण में सर्वधर्म समभाव
स्वामिनारायण संस्था के स्वामी महाराज के अनुसार सबसे अहम बात यह कि आबूधाबी में बने इस मंदिर निर्माण में सर्वधर्म समभाव नजर आता है। मंदिर के लिए भूमि दान की मुस्लिम शासक ने मुख्य आर्किटेक्ट - केथोलिक ख्रिस्ती, प्रोजेक्ट मैनेजर सिख, फाउण्डेशन डिजाइन बौद्ध, कन्स्ट्रक्शन कम्पनी - पारसी, डिरेक्टर- जैन, मन्दिर निर्माण बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था ने कराया है। ऐसे में मन्दिर के आस-पास पवित्र नदियों का प्रवाह, वाराणसी जैसा घाट अबूधाबी में बीएपीएस द्वारा बनवाए गए मंदिर के आस-पास पवित्र नदियों का प्रवाह बनाया गया है, जिसमें गंगा, यमुना एवं सरस्वती, एक तरफ गंगा और दूसरी तरफ यमुना का जल, सरस्वती प्रवाह को प्रकाश स्वरूपमा में दर्शाया हैं तथा जहां गंगा प्रसार हो रही है, वहां वाराणसी जैसा घाट बनाया है। 7 शिखर यूईए सात अमीरात का प्रतिनिधित्व कर रहे है।

विविध स्वरूप में गढ़ा पत्थर, राजस्थान का गुलाबी पत्थर बढ़ा रहा शोभा
आबूधाबी में बीएपीएस द्वारा बनवाए गए मंदिर में भगवान शिव को समर्पित शिखर में शिवपुराण, 12 ज्योतिर्लिंग, भगवान श्रीरामजी के शिखर में रामायण की नक्काशी की है। भवगान जगन्नाथजी के शिखर में रथयात्रा की नक्काशी की है। कृष्ण को समर्पित शिखर में भागवत-महाभारत की नक्काशी की है। तिरूपति, स्वामिनारायण, अयप्पा भगवान का जीवन कार्य की भी नक्काशी की गई है। मन्दिर के बाहर राजस्थान का गुलाबी पत्थर, गरम वातावरण में अनुकूल हो उसके लिए नेनो टाइल्स, मन्दिर के अन्दर के भाग में ईटालियन मार्बल लगाया गया है।

मन्दिर की विशेषता-हजारों वर्ष तक कोई नुकसान नहीं
आबूधाबी में बीएपीएस द्वारा बनवाए गए मंदिर को हजारों वर्ष में भी कोई नुकसान नहीं होगा। 7.0 तीव्रता वाले भूकम्प से भी मन्दिर को कुछ नहीं होगा। अलग-अलग 10 स्तर पर 150 सेन्सर, मन्दिर में स्टील-लोहा का उपयोग नहीं। पिलर्स ऑफ पिलर्स में 14 स्तंभ बनाए है। मंदिर में डॉम ऑफ हामनी एवं डॉम ऑफ पीस, यूएई 7 देश का प्रतिनिधित्व करता है, उसके लिए 7 शिखर, 25 हजार पत्थर से निर्मित 402 स्तंभ, 12 सामण शिखर है।

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सिरोही में भी स्थापित है बीएपीएस स्वामीनारायण मन्दिर
संस्था द्वारा अनादरा चौराहा सिरोही में स्थित बीएपीएस स्वामिनारायण मन्दिर का संचालन भी किया जाता है। बालक-बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्वामिनारायण विद्या मन्दिर, आबूपर्वत भी संचालित है, जिसमें शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का सृजन किया जाता है। मंदिर में भगवान श्रीराम, सीताजी, लक्ष्मणजी एवं हनुमाजी, भगवान शिव, पार्वतीजी, गणपतिजी, कार्तिकेयजी, भगवान राधा-कृष्ण, श्री अक्षरपुरूषोत्तम महाराज, भगवान तिरूपति बालाजी आदि की मूर्तियां स्थापित होंगी। मंदिर का निर्माण करीब 27 एकड़ भूमि में किया गया है। जिसमें मन्दिर परिसर 13.5 एकड़ और 13.5 एकड़ में पार्किंग बनाई गई है।

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