इनका कहना है:
कुछ साल पहले पार्थेनियम घास के संपर्क में आने से खुजली का शिकार हो गया था। पूरे बदन पर लाल चकते हो गए। चिकित्सकों को दिखाने पर उन्होंने इसे पार्थेनियम घास से होने वाली एलर्जी बताया। समय पर इलाज से चकते मिट गए।
विजय सिंह, ओरिया, माउंट आबू
मवेशियों के लिए जानलेवा:
कई पशु अनजाने में उसे खा जाते हैं। इस घास के खाने से पूर्व में भी एक बछड़े की मौत हो गई थी। जिसकी सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचे, पर उससे पहले वह दम तोड़ चुका था।
अमित चौधरी, पशु चिकित्सक, माउंट आबू
कई रोगों की वाहक खरपतवार:
पार्थेनियम में कैफिक, पीकमोरिक, पीहाई-ड्रोक्सी वा वैनालिन जैसे विषाक्त ऐसिड होते हैं। पर्वतीय वनस्पतियों की दुश्मन पार्थेनियम बहुत तेजी से फैलकर अपने आस-पास के पेड़-पौधों व फसलों को अपने आगोश में लेकर बर्बाद कर देती है। इसके छूने मात्र से त्वचा रोग, दमा व अलर्जी जैसी बीमारियां हो जाती हैं।