हालात जानने घुटनों तक पानी में घुसे विधायक
तेज बारिश की वजह से कॉलोनियों में जल भराव की जानकारी मिलने पर विधायक संयम लोढा पलिकाध्यक्ष वजिंगराम घांची के साथ घुटनों तक पानी के बावजूद पैदल ही निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने केसरपुरा में लोगों से मिलकर बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें पशुधन के नुकसान के बारे में भी जानकारी दी। विधायक ने ग्रामीणों की बात को सुनकर उन्हें सहयोग व मदद का भरोसा दिलाया। विधायक ने उन कॉलोनियों जो जलमग्न हुई है वहां का जायजा लेकर अधिकारियों से चर्चा का आवश्यक निर्देश दिए।
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प्रशासन रहा मुस्तैद
मूसलाधार बारिश की वजह से उपजे हालात पर नियंत्रण के लिए उपखंड अधिकारी डॉ नरेश सोनी के नेतृत्व में पूरा प्रशासनिक अमला सतर्क नजर आया। नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारी भी आम लोगों की मदद के लिए सतर्क दिखाई दिए।
राहत सामग्री का वितरण
कच्ची बस्तियों में जहां लोगों के घरों में पानी घुस गया था। वहां लोगो का चूल्हा चौका भी जलाना संभव नहीं था। इन परिस्थितियों में संयम दीपा फाउंडेशन व लॉयंस क्लब की ओर से इन परिवारों के लिए भोजन के पैकेट का वितरण किया जाकर उन्हें संबल प्रदान किया गया।
शिवगंज में मूसलाधार बारिश की वजह से कॉलोनियों में जलभराव के जो हालात उपजे है, उसके लिए बहाव क्षेत्र में हुए अतिक्रमणों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। जिसका तकाजा लोगों ने भी जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखा है। लोगों ने बताया कि जल बहाव क्षेत्र में लोगों ने अतिक्रमण कर मकान बना लिए है। इस वजह से जल निकासी नहीं हो पा रही। नालों की समय पर सफाई नहीं होना भी एक प्रमुख वजह है।
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देर शाम फिर हुई बारिश
दोपहर बाद थमा बारिश का यह क्रम देर शाम फिर से शुरू हो गया है। जिन कॉलोनियों में जलभराव के हालात बने हुए है वे इस बात को लेकर दहशत में है कि रात को फिर से बारिश हई तो हालात और भी विकट हो जाएंगे।
मोरथला का पुल टूटा, ग्रामीणों का आबूरोड से संपर्क टूटा
शनिवार रात्रि तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश की वजह से मोरथला गांव का पुल टूट गया। गत वर्ष हुई बारिश में पुल के पिलर टूटने के बाद केवल मरम्मत कार्य कर वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। पुल को लेकर राज्यसभा सांसद नीरज डांगी की अनुशंसा पर बजट भी स्वीकृत हुआ था, लेकिन पुल नहीं बनने से शनिवार रात्रि पुल बत्तीसा नदी में आए पानी के वेग को नहीं झेल पाया। पुल टूटने से ग्रामीणों का आबूरोड शहर व तहसील मुख्यालय से सम्पर्क कट गया। ग्रामीण रेलवे लाइन के किनारे से पैदल शहर में आवाजाही को मजबूर हुए। उधर रात्रि में हुई बारिश के बाद तलहटी तालाब की दीवार भी ढह गई। दीवार का मलबा सड़क किनारे गिर गया। गनीमत रही कि दीवार के आसपास कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, अन्यथा दीवार के नीचे आने से जनहानि हो सकती थी। स्थानीय रहवासियों ने बताया कि शीघ्र दीवार की मरम्मत नहीं होने पर तालाब का पानी बाहर आ सकता है।