गोऋषि दत्त शरणानंद ने विदेशों से पहुंचे लोगों को सात्विक आहार, गोगव्यों का उपयोग, साधना, गोसेवा व संरक्षण पर बल दिया। नंदगांव प्रभारी ब्रह्मचारी सुमनसुलभ ने कहा ऐसे शिविर ओडिशा में ही होते हंै। पहली बार राजस्थान में गोऋषि दत्त शरणानंद की प्रेरणा से भारत व विदेशी लोगों का संयुक्त शिविर अविस्मरणीय है। शिविर को तीन भागों दो धर्माचार्य परिसर तथा तीसरा सुरभि सभा मंडप में भाषाओं लेकर बांटा है। शिविर 28 नवम्बर तक चलेगा। प्रात: चार बजे जागरण तथा रात्रि साढ़े नौ बजे शयन के बीच में ध्यान कक्षा, संकीर्तन परिक्रमा, गोसेवा, रात्रि प्रवचन, प्रश्नोत्तरी व अलग-अलग विषयों पर चर्चा होती है। नंदगांव स्थित सुरभि पंचगव्य आयुर्वेदिक प्राकृतिक चिकित्सालय के वैद्य बलदेव चौधरी व वैद्य श्यामसिंह राजपुरोहित ने पंचगव्य का सेवन सेहत के लिए लाभकारी बताया। शिविर में रणछोड़ पुरोहित, खेतेश पुरोहित, मानाराम पुरोहित, गोपालसिंहसिंह, हीरसिंह राठौड़, अशोककुमार पुरोहित, भैरूसिंह सेवाएं दे रहे हैं।
अमरीका आश्रम के प्रभारी स्वामी आत्मविद्यानंद ने बताया कि टेक्सास आश्रम में सात देशी गायों की सेवा होती है। विदेशी मूल की वानप्रस्थी सेवामयी महिलाएं सेवा दे रही हंै। भारत की तरह वहां भी पिछले दो साल से गो-नवरात्रा महोत्सव मनाया जाता है। वे अब व्यसन सेे दूर रहकर जैविक खेती के साथ सात्विक भोजन लेने से अपने को गौरवान्वित महसूस करने लगे है।
हॉलैण्ड की क्लाऊडिया, अमरीका की ऋचर्ड पिर्टसन, आस्ट्रेलिया की रोबर्ट, न्यूजीलैंड की सम्यमवधा, आस्ट्रेलिया की शिखा मोहत्ती व ब्राजील की लियोनोर ने कहा कि क्रिया ध्यान योग शिविर से एकाग्रता के साथ शांति मिली है। गोसेवा से भारतीय संस्कृति आत्मसात करने का मौका मिला है। नित्य सेवा से उनके स्वास्थ्य में सुधार आया है। इससे परमात्मा के प्रति भक्ति भी बढ़ी है।
शिविर के दौरान शनिवार प्रात: नंदगांव गोशाला की संकीर्तन परिक्रमा की गई। इसमें सभी शामिल हुए। इस दौरान सभी ने गोबाड़ों में सेवा कर आनंद महसूस किया। विदेशी महिलाओं ने भी बाड़ों की सफाई व गोबर एकत्र किया।
शिविर में स्वामी सम्पूर्णानंद अमरीका, स्वामी ईश्वरानंद ब्राजील, सर्वात्वानंद आस्ट्रेलिया, स्वामी स्वतंत्रानंद यूरोप आस्ट्रिया व प्रज्ञानंनद मिशन के स्वामी परिपूर्णानंद, स्वामी अचलानंद, महामंडलेश्वर स्वामी अरूपानंद, स्वामी दिव्य स्वरूपानंद व स्वामी ब्रह्मज्ञानानंद आदि आए हैं।