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Rajasthan Best Places To Visit In Winter Vacation: राजस्थान में एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू सर्दियों में घूमने के लिए सबसे खास जगहों में से एक है। अरावली की ऊंची पहाड़ियों के बीच बसी ये जगह स्वर्ग जैसा एहसास करवाती है। सर्दियों में यहां पर आने पर कश्मीर जैसा एहसास होता है। ऐसे में अगर आप भी विंटर वेकेशन में माउंट-आबू घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ये है 5 सबसे बेस्ट जगह।
माउंट आबू की सबसे पॉपुलर जगह है नक्की झील। चारों तरफ घने जंगल और ऊंचे पहाड़ों से घिरी ये झील इतनी शांत और साफ है कि पानी में आसमान साफ-साफ दिखाई देता है। सर्दियों की सुबह में यहां हल्की धुंध और ठंडी हवा के साथ बोटिंग करना एक यादगार पल बन जाता है।
शाम को सूर्यास्त के समय झील सुनहरी हो जाती है। इस झील के बारे में मान्यता है कि इसे देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदी थी, इसलिए नाम नक्की पड़ा। इस झील में जाने का सही समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक सबसे अच्छा समय है, सर्दियों में तो यहां और भी मजा आता है। एंट्री पूरी तरह फ्री है और बोटिंग के लिए 50 से 200 रुपए तक प्रति व्यक्ति का खर्चा आता है।
माउंट आबू आने वाले हर यात्री की लिस्ट में दिलवाड़ा जैन मंदिर जरूर शामिल होता है। सफेद संगमरमर से बना ये मंदिर अपनी बारीक नक्काशी के लिए दुनिया भर में मशहूर है। ये मंदिर 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। ठंड में मंदिर की चमक और बढ़ जाती है। अक्टूबर से मार्च तक मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। मंदिर परिसर में फोटो और वीडियो शूटिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है।
गुरु शिखर अरावली पर्वत श्रृंखला का सबसे ऊंचा स्थान है, जिसकी ऊंचाई करीब 1722 मीटर है। यहां पहुंचते ही आपको ऐसा लगता है जैसे बादल आपके बिल्कुल पास हैं। ऊपर से पूरा माउंट आबू और आस-पास के दूर-दूर तक फैले गांव साफ दिखाई देते हैं। शिखर पर छोटा-सा गुरु दत्तात्रेय मंदिर है, जहां लगी घंटियों की आवाज वातावरण को बेहद शांत और सुखद बना देती है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा इतना खूबसूरत दिखता है कि पर्यटक इसे माउंट आबू का सबसे यादगार अनुभव मानते हैं। गुरु शिखर तक जाने का रास्ता घुमावदार जरूर है, लेकिन ऊपर पहुंचते ही मिलने वाला नजारा सारी थकान मिटा देता है।
माउंट आबू का वन्यजीव अभयारण्य लगभग 288 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ घना, शांत और हरा-भरा जंगल है। यहां जंगली तेंदुआ, स्लॉथ भालू, सांभर, जंगली सूअर, नीलगाय, लंगूर और 250 से अधिक रंग-बिरंगे पक्षियों की प्रजातियां मिलती हैं। सर्दियों के मौसम में पेड़ों पर पत्ते कम होने की वजह से जानवरों को देखना और भी आसान हो जाता है। अभयारण्य में जीप सफारी और ट्रेकिंग का रोमांच अलग ही अनुभव देता है। ये जगह सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है।
अचलगढ़ किला 14वीं–15वीं शताब्दी में बना एक भव्य और ऐतिहासिक किला है, जो अपनी शान और खूबसूरत लोकेशन के लिए मशहूर है। किले के भीतर स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण है, जहां भगवान शिव के अंगूठे के चिन्ह की पूजा की जाती है। किले की ऊंची और मजबूत दीवारों से आसपास की वादियां, पहाड़ और झील का नजारा बेहद मनमोहक दिखाई देता है। ठंडी हवा, शांत वातावरण और साफ मौसम में यहां घूमने का अनुभव और भी सुंदर हो जाता है।
Updated on:
12 Dec 2025 03:07 pm
Published on:
12 Dec 2025 03:06 pm
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