
सिरोही शहर में विचरण करता लम्पी जैसी बीमारी से ग्रसित गोवंश। पत्रिका फोटो
Lumpy Virus Update : राजस्थान के सिरोही जिले के कई क्षेत्रों में एक बार फिर लम्पी वायरस के लक्षणों ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है। सिरोही जिले के कई क्षेत्रों में गोवंश में लम्पी वायरस के लक्षण दिखाई देने लगे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। हैरानी की बात यह है कि महज 15 दिन पहले ही पूरे क्षेत्र में वैक्सीनेशन अभियान पूरा किया गया था, बावजूद इसके लम्पी के लक्षण नजर आने लगे हैं। बताया जा रहा है कि तीन साल पहले सिरोही जिले में इस बीमारी ने डेयरी फार्मिंग को बुरी तरह से प्रभावित किया था। इस पर पशुपालन विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है कि लक्षण दिखने वाली गायों और बछड़ों को अलग-अलग रखा जाए। साथ ही, जिस क्षेत्र के अधिकारियों को सर्वेक्षण निर्देश दिए गए हैं। पर वहीं कुछ गांव वालों का कहना है विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
सिरोही जिले की मकरेडा, इसरा, शिवगंज और रेवड़हर तहसीलों के गोवंशों में लम्पी वायरस के लक्षण नजर आ रहे हैं। उधर गांव वालों को कहना है कि सरकार अभी तक इस खतरे को लेकर सचेत नहीं हुई है। अब समय आ गया है कि इस मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप किया जाए।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार जब मौजूदा सिरोही के वर्तमान विधायक और पंचायती राज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हां, मेरे पास भी ऐसे मामले आए हैं, जिनमें पशुपालकों ने लम्पी वायरस जैसे लक्षणों की शिकायत दर्ज कराई है। इस संदर्भ में मैंने अधिकारियों से बात की है और उनसे इस संबंध में विस्तृत व्यवस्था करने को कहा है। सिरोही जिले में प्रचुर मात्रा पशुधन है। डेयरी फार्मिंग हमारे लिए आय का एक बड़ा स्रोत है।
उप निदेशक (पशुधन विकास) डॉ. संजीव भोसले ने कहा, हां, हमारी टीमों ने कुछ जगहों का दौरा किया और कुछ जगहों पर लम्पी वायरस के लक्षण पाए गए। लेकिन अभी तक यह उतना गंभीर नहीं है। जिन गोवंश में लक्षण पाए गए हैं, उन्हें अलग कर दिया गया है। उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। साथ ही, हमने टीमों को क्षेत्र में सर्वेक्षण शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अमित चौधरी ने बताया कि कुछ मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा, हमने एक एडवाइजरी जारी की है और अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है। इसके अलावा, सिरोही में हमारे 167 केंद्र पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं। उन्हें निर्देश और विस्तृत एडवाइजरी जारी कर दी गई है। ज़रूरत पड़ने पर टीकाकरण भी किया जाएगा।
हालांकि पशु चिकित्सा विभाग ने संक्रमित पशुओं को घर में आइसोलेट करने की सलाह दी है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह उपाय पर्याप्त है। जब लक्षण दिखाई देने लगे है तो एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में लम्पी के लक्षण नजर आने से पशुपालकों में ग़ुस्सा और असमंजस की स्थिति है। कई लोगों का कहना है कि विभागीय लापरवाही और कमजोर निगरानी व्यवस्था के चलते गोवंश फिर इस बीमारी की चपेट में न आ जाए।
वैसे लम्पी वायरस के लिए अभी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं। उसकी सिमिलर गोटपॉक्स वैक्सीन लगाई जाती है। वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो गया है। लम्पी की जानकारी मिलने के बाद शिवगंज में सर्वे करवाया गया है। यहां कोई पशु इससे ग्रसित नहीं मिला हैं। गांवों के सर्वे के लिए आदेश मिले है, शीघ्र सर्वे करवाया जाएगा।
डॉ शिवलाल नोगिया, वरिष्ठ पशु चिकित्सक, शिवगंज
Updated on:
05 Aug 2025 01:00 pm
Published on:
05 Aug 2025 12:57 pm
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