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टीचर्स ट्रेनिंग में बड़े बदलाव, दो साल तक नहीं होगी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी

नई शिक्षा नीति के तहत एनसीटीई की ओर से टीचर्स ट्रेनिंग में भी बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं। इसके तहत अब प्रदेश में आगामी दो सत्र 2023-24 और 2024-25 में नए निजी बीएड, बीएससी-बीएड कॉलेज प्रारंभ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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बांसवाड़ा. नई शिक्षा नीति के तहत एनसीटीई की ओर से टीचर्स ट्रेनिंग में भी बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं। इसके तहत अब प्रदेश में आगामी दो सत्र 2023-24 और 2024-25 में नए निजी बीएड, बीएससी-बीएड कॉलेज प्रारंभ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही पूर्व से संचालित टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में दो सत्र तक सीटों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकेगी। यह नीति निजी विश्वविद्यलय पर भी समान रूप से लागू होगी।

राज्य सरकार के निर्देश के बाद आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। वहीं आईटीईपी कोर्स के लिए राज्य सरकार से एनओसी लेनी होगी, जिसके लिए 30 जून तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसके बाद ही आईटीईपी के लिए आवेदन के पात्र होंगे। आईटीईपी के लिए संबंधित कॉलेज को कला एवं विज्ञान संकाय दोनों संकाय संचालन की भी अनिवार्यता रहेगी।

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अनुमति: आईटीइपी नया कोर्स चलेगा
एमएड, बीपीएड, एमपीएड, आईटीइपी-प्राइमरी और अपर प्राइमरी लेवल, बीएड-सिर्फ सरकारी संस्थान, बीएड-एमएड तीन वर्षीय प्रोग्राम। इसमें भी पांच साल से चल रहे कॉलेजों को नेक एक्रीग्रेडेशन लेना अनिवार्य होगा। प्रवेश राज्य स्तरीय परीक्षा के माध्यम से ही देना अनिवार्य होगा। बीइएल बीएड, बीएड, बीएड-पार्ट टाइम तीन साल, बीए-बीएड और बीएससी बीएड चार साल के लिए नए कॉलेजों को अनुमति नहीं दी जाएगी। पूर्व से संचालित कॉलेजों पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा।

मुश्किल: एक भी निजी कॉलेज नेक नहीं
गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के तहत संचालित करीब डेढ सौ से अधिक निजी कॉलेजों में एक के पास भी नेक ग्रेड नहीं है। विवि स्तर पर इसके लिए कैम्प लगाकर ट्रेनिंग भी दी गई थी पर कोई सार्थक परिणाम अब तक सामने नहीं आया है। ऐसे में नए कोर्स आईटीईपी के यहां संचालित होने की संभावना फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है। वहीं तीनों ही जिलों में एक भी एमएड कॉलेज संचालित नहीं है।

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