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सोनभद्र में मेंढक-मेंढकी की धूमधाम से हुई शादी, वजह जानेंगे तो उड़ जाएंगे होश

- सोनभद्र में इस आधुनिक जमाने में एक मजेदार काम किया गया। मेंढक-मेंढकी का विवाह कराया गया।

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सोनभद्र में मेंढक-मेंढकी की धूमधाम से हुई शादी, वजह जानेंगे तो उड़ जाएंगे होश

सोनभद्र में मेंढक-मेंढकी की धूमधाम से हुई शादी, वजह जानेंगे तो उड़ जाएंगे होश

सोनभद्र. मानसून तो आ गया है पर बारिश सभी जगह नहीं हो रही है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान से कहीं बारिश होती है तो कहीं नहीं। सोनभद्र में इस आधुनिक जमाने में एक मजेदार काम किया गया। मेंढक-मेंढकी का विवाह कराया गया। वाद्य यंत्रों पर महिला-पुरुष खूब थिरके। बरातियों का स्वागत कर उन्हें भोजन कराया गया। दुल्हन के रूप में मेंढकी को लाल चुनरी पहनाई गई। मेंढक दूल्हे का दुल्हन मेंढकी से विवाह रचाया गया। विदाई के बाद दोनों को तालाब में छोड़ दिया गया। इस अद्भुत परंपरा को देखने के लिए भारी भीड़ जमा थी।

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भरपूर वर्षा होगी :- सोनभद्र के आदिवासी समाज लम्बे समय से परंपरा है। और यह सभी वर्षों से इसका निर्वहन पूरी श्रद्धा से करते आ रहे हैं। आदिवासी समाज में यह मान्यता है कि मेंढक और मेंढकी की शादी से इंद्रदेव प्रसन्न होंगे। और भरपूर वर्षा होगी और धान के खेत में पानी लबाबल भरे रहेंगे।

धूमधाम से हुआ विवाह :- सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र के आदिवासी बहुल कटौली गांव में मेंढक और मेंढकी के विवाह का आयोजन किया गया। इसमें कई अन्य गांवों के महिला-पुरुष और बच्चे शामिल हुए। इन सभी ने तालाब से लोटे में जल लेकर पूरे गांव का भ्रमण किया। और कटौली गांव स्थित डीहवार पहुंचे। यहां दुल्हन रूप में सजी मेंढकी को हल्दी लगाई गई। पूरे धूमधाम के साथ मेंढक की बरात निकाली गई। विवाह रचाया। विदाई के बाद दोनों को छोड़ दिया गया।

पुरानी परम्परा है :- गांव के पूर्व प्रधान मोतीलाल ने बताते हैं कि, कि कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। इसके पहले चार दिनों तक रोज लोटे में जल लेकर लोग गांव की परिक्रमा करते हैं। पांचवें दिन विवाह कराया जाता है।