
फोटो- प्रतीकात्मक
अलवर शहर की अंधेरी गलियों व सड़कों को रोशन करने के लिए 3 हजार स्ट्रीट लाइटें लगेंगी। नगर निगम व यूआईटी अपने-अपने एरिया में लाइटें लगाने के लिए स्थान चिन्हित करेंगे। अप्रैल से यह काम शुरू हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने एक लाख स्ट्रीट लाइटों को मंजूरी दे दी है, जो नगरीय निकाय क्षेत्रों में लगाई जाएंगी।
अलवर के हिस्से में करीब 10 लाख रुपए की लाइटें आई हैं। यानी एक लाइट की कीमत करीब तीन हजार होगी। लाइटें लगाने के बाद इनके रखरखाव की जिम्मेदारी वर्तमान एजेंसियों या फिर विभागों को करनी होगी।
शहर के रेलवे स्टेशन से लेकर सामोला चौक तक, रेलवे स्टेशन से लेकर नेहरू गार्डन तक, सभी ओवरब्रिज के पास, 200 फीट मार्ग पर, तिजारा ओवरब्रिज मार्ग, पुराना कलक्ट्रेट मार्ग, भवानी तोप से लेकर ईटाराणा ओवरब्रिज तक, 60 फीट मार्ग पर, जेल सर्किल से दाई की गुमटी तक स्ट्रीट लाइटें गिनती की हैं। जो लगी हैं वह आए दिन खराब रहती हैं। ओवरब्रिज के ऊपर लगी लाइटें माह में 10 दिन ही जलती हैं।
बाकी दिन अंधेरा रहता है। जनता परेशानी होती है। नगर निगम व यूआईटी अपने हिसाब से लाइटों की मरमत करवाती हैं। इसके अलावा वार्डों में भी निवर्तमान पार्षदों ने लाइटें लगानी की मांग की थी। हर वार्ड में 100 स्ट्रीट लाइटों की मांग एक साल पहले हुई थी, जो आज तक पूरी नहीं हो पाई। अब वार्डों में भी कुछ लाइटें पहुंचने के आसार हैं। गलियों में उजाला होगा।
नगर निगम व यूआईटी के हिस्से में करीब 40 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं। इसमें सर्वाधिक निगम के पास हैं। नगर निगम के पास वार्ड व गलियों की लाइटें हैं। वहीं यूआईटी के हिस्से में प्रमुख मार्ग व पार्कों की स्ट्रीट लाइट आती हैं। नई लाइटों के लगने से संया में वृद्धि होगी।
स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत समय पर नहीं होने के कारण अंधेरा बढ़ता है। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा लाइटें खराब होती हैं। ऐसे में दोनों विभागों को मरम्मत के लिए इंतजाम करने होंगे ताकि बारिश में अंधेरे के कारण कोई हादसा या वारदात न होने पाए। इसके लिए सिस्टम बनाने की जरूरत है ताकि शिकायत मिलते ही दो घंटे में लाइट ठीक हो जाए। - विवेक सिंह, रिटायर्ड इंजीनियर नगर निगमअलवर
Published on:
24 Mar 2025 11:42 am
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