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Good News: द्रव्यवती नदी में अब बहेगी स्वच्छ जलधारा, जानें, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के ये इंतजाम

Rajasthan: जयपुर के सांगानेर क्षेत्र की रंगाई-छपाई इकाइयों का केमिकल युक्त पानी अब द्रव्यवती नदी में नहीं जाएगा। सांगानेर में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) शुरू हो गया है। इससे यहां की रंगाई-छपाई इकाइयों के केमिकल युक्त पानी को ट्रीट करना शुरू हो गया है। अभी सीईटीपी का पांच से सात दिन तक परीक्षण चलेगा। […]

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सांगानेर की रंगाई छपाई इकाइयों में केमिकल युक्त पानी का ट्रीटमेंट शुरू, पत्रिका फोटो

Rajasthan: जयपुर के सांगानेर क्षेत्र की रंगाई-छपाई इकाइयों का केमिकल युक्त पानी अब द्रव्यवती नदी में नहीं जाएगा। सांगानेर में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) शुरू हो गया है। इससे यहां की रंगाई-छपाई इकाइयों के केमिकल युक्त पानी को ट्रीट करना शुरू हो गया है। अभी सीईटीपी का पांच से सात दिन तक परीक्षण चलेगा। इसके बाद ट्रीट किए हुए पानी को फिर से इकाइयों में उपयोग लिया जाएगा। इससे इन इकाइयों का प्रदूषित पानी द्रव्यवती नदी में नहीं जाएगा।

550 इकाइयों को सीईटीपी से जोड़ा

12.3 एमएलडी क्षमता के इस जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर आधारित सीईटीपी से सांगानेर की करीब 550 इकाइयों को जोड़ दिया है। इन इकाइयों से सीईटीपी में अभी करीब 3 एमएलडी पानी आ रहा है, जिसको ट्रीट करने के साथ उसका परीक्षण शुरू हो गया है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल अधिकारियों की मानें तो अभी ट्रीटेड पानी को सीईटीपी के खाली टैंकों में एकत्र किया जा रहा है। सीईटीपी से करीब 350 इकाइयां अभी नहीं जुड़ी हैं। इन इकाइयों को मुख्य ट्रंक लाइन से जोड़ना बाकी है। इसके लिए मंडल ने 30 जून तक का समय दिया है।

ऐसे हो रहा पानी ट्रीट

सीईटीपी में 12-12 एमएलडी के दो टैंक बने हैं, इसमें एक टैंक में इकाइयों से आ रहे पानी को एकत्र किया जा रहा है। दूसरे में पानी का बायोलॉजिकल उपचार किया जा रहा है। इसके बाद 3-3 एमएलडी के दो टैंकों में पानी का शुद्धीकरण किया जा रहा है। यहां से पानी 6 फील्टर टैंकों में जाएगा। पानी आरओ प्लांट में जाएगा, जिसके बाद ही पानी उपयोग लिया जाएगा। बचे हुए पानी को वाष्पित किया जाएगा।

प्रदूषण मंडल की सख्ती का असर

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने केमिकलयुक्त पानी को ट्रीट नहीं करने पर रंगाई छपाई इकाइयों पर सख्ती की थी। जिसमें सीईटीपी से नहीं जुड़ी इकाइयों के बिजली कनेक्शन काटने तक की कार्रवाई भी शामिल है। मंडल की सख्ती के बाद इकाइयों को सीईटीपी से जोड़ने की कार्रवाई तेज हुई है।

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