2015 में लगाया बगीचा झुंझनूं की रहने वाली संतोष की शादी सीकर जिले के बेरी गांव के रामकरण खेदड से हुई। बकौल संतोष उन्होंने बचपन से ही किसानी में पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया। शादी के बाद संतोष ने अपने पति की महज पांच बीघा बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की ठानी। इसके बाद संतोष ने पहले सिंदूरी अनार से सफलता पूर्वक उत्पादन लिया। वर्ष 2015 में संतोष ने अपने खेत में सेब की हरमन 99 किस्म का मदर प्लांट लगाया। इस किस्म की खास बात है कि ये 40 डिग्री तापमान में भी अच्छे तरीके से पनपता है और महज एक साल में ही इस पौधे पर फल आने लगते हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश और जमू कश्मीर क्षेत्र में सेव अगस्त से नवबर माह में तैयार हो जाता है। लेकिन गर्मियों में तापमान ज्यादा होने के कारण वहां उन पौधों पर फल नहीं आते हैं। ऐसे में लोगों को मजबूरी में कोल्ड स्टोरेज में रखे फल खाने पड़ते हैं।
अच्छा प्रयास है… बेरी गांव की प्रगतिशील किसान संतोष खेदड ने गर्मी के सीजन में तैयार होने वाले फलों का बगीचा लगाया है। इस बगीचे में लगे पौधों में अभी फूल लग रहे हैं। यह नवाचार व अच्छा प्रयास है। खेती में नवाचारों के कारण ये महिला किसान प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुकी है।
रामनिवास पालीवाल, अतिरिक्त निदेशक कृषि खंड सीकर © 2025 All Rights Reserved. Powered by
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