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टनल बननेे के बाद भी रीवा नहीं पहुंचेगा नर्मदा का पानी, ये है मुख्य वजह

टनल बननेे के बाद भी रीवा नहीं पहुंचेगा नर्मदा का पानी, ये है मुख्य वजह  

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narmada river

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मनीष गर्ग@पत्रिका। मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना में शामिल बरगी दायीं तट नहर व्यपर्तन परियोजना के काम में हो रही देरी से भविष्य में मुसीबत बनने वाली है। जबलपुर से रीवा तक के खेतों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली यह परियोजना अभी पूरी नहीं हुई है। इसके लिए स्लीमनाबाद में टनल बनाई जा रही है। टनल बनने के बाद यहां से ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ा जाएगा।

338 किमी लम्बी है नहर
जबलपुर. रीवा तक पानी पहुंचाने के लिए लगभग 328 किलोमीटर लम्बी नहर है। स्लमीनाबाद तक लगभग 105 किमी मुख्य नहर 2005 में ही तैयार हो गई है। स्लीमनाबाद में 13 किमी लम्बी टनल बनाई जा रही है। टनल का काम पूरा होने पर यहां से रीवा तक पानी पहुंचाने की योजना है। अभी टनल का निर्माण जारी है। विभाग द्वारा जून 2023 तक कार्य पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। टनल तैयार होने पर मुख्य नहर के क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां से ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ा भी जाएगा तो क्षतिग्रस्त नहरों व सिल्ट के कारण बहाव नहीं आएगा। बल्कि नहर के फूटने का खतरा होगा। इस स्थिति में समय से पहले नहरों का रखरखाव शुरू नहीं हुआ तो नहर से रीवा तक पानी पहुंचाने में कई साल लग जाएंगे।

उपनहरें हो गईं गायब
मुख्य नहरों के साथ ही सहायक नहरों की हालत भी खराब है। इन नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। ये नहरें झाडियों में गुम हो गई हैं। कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त भी हो गई हैं।

कई जगह धंस गई किनारे की सडक़
दायीं तट तुख्य नहर जगह-जगह से जर्जर है। इसके दोनों पाटों में झाडिय़ां उग आई हैं। एक से डेढ़ फीट तक सिल्ट जमा है। गोसलपुर, अगरिया के पास नहर की सडक़ भी धंसने लगी है। यहां बने पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नहर के किनारे से ही यहां की खदानों के वाहन गुजर रहे हैं। इससे सडक़ धंस रही है। इस मार्ग पर कई स्थान ऐसे हैं, जहां नहर के किनारे की सडक़ गायब हो गई है। विभाग की ओर से नहर के किनारे से भारी वाहनों को निकलने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। नतीजतन नहर बदहाल होती जा रही है।

अधिकारी नहीं करते दौरा
स्थानीय स्तर पर नहरों के रखरखाव और सिंचाई में भागीदारी के लिए गठित की जाने वाली जल उपभोक्ता संस्था फिलहाल भंग है। नहरों के रखरखाव के लिए क्षेत्र के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। वे क्षेत्र का दौरा नहीं कर पा रहे हैं। इससे नहरों की हालत और खराब हो रही है।

ये है स्थिति
- दायीं तट नहर की लगभग 338 किलोमीटर है मुख्य नहर
- जबलपुर से स्लीमनाबाद के बीच 105 किलोमीटर है मुख्य नहर
- स्लीमनाबाद में 13 किलोमीटर लम्बी टनल का हो रहा निर्माण
- टनल बनने के बाद रीवा तक पहुंचना है नहर का पानी
- बरगी स्लीमनाबाद के बीच कई जगह मुख्य नहर जर्जर
- नहर के किनारे टूटे, सिल्ट जमा,उग रहीं झाडिय़ां
- टनल बनने के बाद मुख्य नहर के क्षतिग्रस्त होने से आएगी समस्या
- नहरों का रखरखाव नहीं, किनारे से दौड़ रहे भारी वाहन

दायीं तट नहर से रीवा तक पानी पहुंचाने के लिए स्लीमनाबाद के पास टनल बनाई जा रही है। टनल का काम पूरा होने से पहले जबलपुर-स्लीमनाबाद के बीच नहरों को दुरुस्त कराया जाएगा। सिल्ट भी साफ कराई जाएगी। नहर के किनारे की सडक़ों से भारी वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए हाइट गेज लगाए गए थे, वे भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। सूचना भी लगाई गई है कि नहर के किनारे की सडक़ भारी वाहनों के लिए नहीं है।
- आरएम शर्मा, चीफ इंजीनियर, अपर नर्मदा जोन