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जयपुर में रफ्तार से नियम तोड़ने से पहले 100 बार सोचें, लाल बत्ती पर न रुके तो ‘अगरबत्ती’ लग जाएगी, रोजाना कटते हैं सैकड़ों चालान

Jaipur Traffic: जयपुर शहर में 712 कैमरे और 144 सीसीटीवी चौराहों पर लगे हैं। फिर भी लोग बेखौफ हैं और नियम तोड़ने को कोई गंभीरता नहीं देता। रोजाना 650 से ज्यादा ई-चालान कटते हैं। पिछले छह महीने में लाल बत्ती जंप करने वालों के 11 हजार से अधिक चालान दर्ज किए गए हैं।

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 08, 2025

Jaipur Traffic

कुत्ते ने लगाया चश्मा और चालक बगैर हेलमेट (राजापार्क मुख्य बाजार की फोटो)

Jaipur Traffic: राजधानी जयपुर की सड़कों पर ट्रैफिक नियम अब सिर्फ नाम के लिए रह गए हैं। स्टॉप लाइन और ट्रैफिक सिग्नल की परवाह कोई नहीं करता। दोपहिया और चारपहिया वाहन तेज रफ्तार में दौड़ते हैं। जाम में भी अपने वाहन को रोकने की जहमत कोई नहीं उठाता।


वाहन चालकों की लापरवाही का आलम ऐसा है कि सड़कें कानून के बजाय उनकी मर्जी की मोहताज नजर आती हैं। राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था की यह स्थिति साफ बताती है कि समस्या सिर्फ पुलिस की निगरानी या नियमों की कमी की नहीं, बल्कि आम जनता की लापरवाही और अनुशासनहीनता की भी है।


सीसीटीवी कैमरे और लाइव मॉनिटरिंग


जयपुर शहर के 66 प्रमुख चौराहों पर 144 सीसीटीवी कैमरों से ट्रैफिक पुलिस नजर रख रही है। अजमेरी गेट स्थित एरिया ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम सेंटर से लाइव मॉनिटरिंग की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर मौके पर पुलिसकर्मी निर्देशित किए जाते हैं। शहर भर में लगे 712 कैमरों से पुलिस कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर से भी निगरानी जारी है।


अजमेरी गेट पर ऐसे दिखे हालात


स्टॉप लाइन और जेब्रा क्रॉसिंग के बावजूद हर 2-3 मिनट में 4-5 वाहन लाल बत्ती जंप करते नजर आए। दोपहिया वाहन चालक आगे खड़े होने की होड़ में थे।


गोपालपुरा मोड पर ऐसे दिखे हालात


तिराहे पर न पुलिसकर्मी दिखे और न वाहन चालकों ने नियमों का पालन किया। वाहन चालक लाल बत्ती को अनदेखा कर आगे बढ़ते रहे।


गुर्जर की थड़ी (चौराहा) पर ऐसे दिखे हालात


अधिकांश वाहन चालक रेड लाइट में गाड़ी दौड़ाते दिखे। बस का इंतजार कर रहे अर्पित ने बताया कि पुलिसकर्मी की मौजूदगी में भी नियम तोड़े जा रहे हैं।


राजापार्क मुख्य बाजार पर ऐसे दिखे हालात


-शाम को जाम की स्थिति
-चारपहिया वाहनों की पार्किंग से यातायात पूरी तरह अवरुद्ध
-कई वाहन चालक बगैर हेलमेट के वाहन चलाते दिखे।


चालान की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी


-इंटरसेप्टर के माध्यम से साल 2023 में लगभग 21,000 लोगों के चालान कटे
-इंटरसेप्टर के माध्यम से साल 2024 में लगभग 62,000 लोगों के चालान कटे
-इंटरसेप्टर के माध्यम से साल 2025 में (अगस्त तक) लगभग 99,000 लोगों के चालान कटे
-बाइक इंटरसेप्टर के माध्यम से साल 2025 में (28 मई-31 अगस्त) लगभग 12,000 लोगों के चालान कटे
-आईटीएमएस के माध्यम से साल 2023 में लगभग 9,000 लोगों के चालान कटे
-आईटीएमएस के माध्यम से साल 2024 में लगभग 93,000 लोगों के चालान कटे
-आईटीएमएस के माध्यम से साल 2025 में (अगस्त तक) लगभग 47,000 लोगों के चालान कटे


ट्रैफिक डीसीपी सुमित मेहरड़ा से सीधी बात


सवाल: रोजाना 650 से ज्यादा ई-चालान कट रहे हैं, फिर भी सड़कें बेखौफ चालकों से भरी हैं। इसका मतलब है कि चालान रणनीति प्रभावी नहीं है?
जवाब: अगर कोई वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। चालान करने के साथ-साथ वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए समझाइश भी दी जाती है।


सवाल: ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की योजना है या सिर्फ चालान पर निर्भर रहेंगे?
जवाब: ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के चालान काटे जा रहे हैं। बार-बार नियम तोड़ने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। इनके लाइसेंस को संस्पेंड करने के लिए परिवहन विभाग को भी लिखा जा रहा है।


सवाल: राजधानी में जाम, पार्किंग और अव्यवस्था बढ़ रही है। इसे सुधारने के लिए लंबी अवधि की योजना क्या है?
जवाब: जाम और पार्किंग की समस्या को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जाम वाले स्थानों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। नो-पार्किंग में वाहन खड़े करने वालों पर भी लगातार कार्रवाई जारी है।


सवाल: पुलिस की मौजूदा संख्या और संसाधन इन ट्रैफिक नियम उल्लंघनों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त हैं?
जवाब: ट्रैफिक में नफरी की कमी है। उपलब्ध संसाधनों से बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास किया जा रहा है। ट्रैफिक नियमों में सुधार के लिए लगातार काम जारी है।


शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने का मुख्य कारण इंजीनियरिंग और मानव संसाधन की कमी है। कई जगह फ्लाईओवर और फुट ओवरब्रिज बनाए गए हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं हो रहा। ई-रिक्शा और अन्य अव्यवस्था भी बड़ी बाधा हैं।
-अनिल गोठवाल, रिटायर्ड आरपीएस अधिकारी


खुद की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है, लेकिन सभी वाहन स्टॉप लाइन से आगे खड़े हैं। इसलिए हम भी आगे बढ़ते हैं।
-सुमित कुमार, अजमेरी गेट