
नीस (फ्रांस)। – वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि पिछले 10 वर्षों में महासागर इतनी गर्मी सोख चुके हैं, जितनी ऊर्जा 1.7 अरब परमाणु बम धमाकों के बराबर होती है। यह जानकारी उस समय दी गई जब संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन फ्रांस के शहर नीस में शुरू हुआ।
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स के प्रोफेसर एलेक्स सेन गुप्ता ने बताया:
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि:
ब्रिटेन की डॉ. कैथरीन स्मिथ ने कहा कि समुद्री गर्मी की लहरों के कारण:
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने सम्मेलन में कहा:
ब्रिटेन, जो पहले संकोच कर रहा था, अब कह रहा है कि वह इस साल के अंत तक महासागरों की रक्षा के लिए आवश्यक कानून लाएगा। ब्रिटेन की समुद्री मंत्री एम्मा हार्डी ने कहा:
इस सम्मेलन का उद्देश्य है:
अब तक 49 देशों ने इस संधि की पुष्टि कर दी है, जबकि इसे लागू करने के लिए कुल 60 देशों की ज़रूरत है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उम्मीद जताई कि यह संधि जनवरी 2026 तक लागू हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि गहरे समुद्र में खनन पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि "महासागर बिकाऊ नहीं हैं"।
विज्ञानियों और विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर समुद्री समस्याएं इंसानी गतिविधियों से पैदा हुई जलवायु परिवर्तन का नतीजा हैं। अगर उत्सर्जन नहीं रोका गया और जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में हालात और बदतर होंगे।
Published on:
13 Jun 2025 05:23 pm
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