सेतरावा क्षेत्र में ओलावृष्टि, कपास फसल खराब
सेतरावा. सेतरावा क्षेत्र में गुरुवार को आई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी। गुरुवार सुबह पश्चिम दिशा से आई घनघोर घटाओं का ऐसा रूप इस साल मानसून में भी नजर नहीं आया। सवेरे दस से दोपहर 2 बजे तक के बीच में तीन घंटे तक किसानों के लिए यह बरसात तबाही की बारिश साबित हुई। सेतरावा, जैतसर, वीरमदेवगढ़, जेठानिया, कलाऊ, चौरडिय़ा, आसरलाई, खिंयासरिया, बुड़किया, ऊंटवालिया, चांदसमा, कनोडिया महासिंह, गोविन्दपुरा, सोमेसर आदि कृषि सिंचित इलाकों में बरसात हुई। सेतरावा क्षेत्र के किसानों के खेतों में इन दिनों में मूंगफली की फसल पककर तैयार थी। किसानों द्वारा फसल की इन दिनों कटाई की थी। फसल कटाई के बाद खेतों में फसल को खेतों में एकत्रित किया जा रहा था। किसानों को इस बम्पर पैदावार से अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी।
सेतरावा. सेतरावा क्षेत्र में गुरुवार को आई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी। गुरुवार सुबह पश्चिम दिशा से आई घनघोर घटाओं का ऐसा रूप इस साल मानसून में भी नजर नहीं आया। सवेरे दस से दोपहर 2 बजे तक के बीच में तीन घंटे तक किसानों के लिए यह बरसात तबाही की बारिश साबित हुई। सेतरावा, जैतसर, वीरमदेवगढ़, जेठानिया, कलाऊ, चौरडिय़ा, आसरलाई, खिंयासरिया, बुड़किया, ऊंटवालिया, चांदसमा, कनोडिया महासिंह, गोविन्दपुरा, सोमेसर आदि कृषि सिंचित इलाकों में बरसात हुई। सेतरावा क्षेत्र के किसानों के खेतों में इन दिनों में मूंगफली की फसल पककर तैयार थी। किसानों द्वारा फसल की इन दिनों कटाई की थी। फसल कटाई के बाद खेतों में फसल को खेतों में एकत्रित किया जा रहा था। किसानों को इस बम्पर पैदावार से अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी।
बरसात से जन-जीवन प्रभावित
लोहावट. लोहावट कस्बे सहित आस-पास क्षेत्र में बुधवार रात से चल रहे बारिश के दौर से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बारिश से सर्दी का असर बढ़ गया। यहां रात को करीब तीन बजे बारिश का दौर शुरु हुआ, जो गुरुवार शाम तक कभी तेज, तो कभी हल्की बारिश चलती रही। वहीं बारिश से विद्यार्र्थियों को खासी परेशानी हुई। वही जालोड़ा गांव में निचली बस्ती में कई घरों में बारिश का पानी घुस गया। जालोड़ा सरपंच केवलराम मेघवाल ने बताया कि दो दिनों से बारिश होने से गांव के सुथारों का वास, रावलोतों का वास, पालीवालों का वास सहित कई बस्तियों में निचले इलाकों के घरों में पानी घुस गया। (निसं)
लोहावट. लोहावट कस्बे सहित आस-पास क्षेत्र में बुधवार रात से चल रहे बारिश के दौर से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बारिश से सर्दी का असर बढ़ गया। यहां रात को करीब तीन बजे बारिश का दौर शुरु हुआ, जो गुरुवार शाम तक कभी तेज, तो कभी हल्की बारिश चलती रही। वहीं बारिश से विद्यार्र्थियों को खासी परेशानी हुई। वही जालोड़ा गांव में निचली बस्ती में कई घरों में बारिश का पानी घुस गया। जालोड़ा सरपंच केवलराम मेघवाल ने बताया कि दो दिनों से बारिश होने से गांव के सुथारों का वास, रावलोतों का वास, पालीवालों का वास सहित कई बस्तियों में निचले इलाकों के घरों में पानी घुस गया। (निसं)
कोहरे की चादर में ग्रामीण अंचल
खारिया मीठापुर. ग्रामीण अंचल में गुरुवार सुबह से कोहरा छाया रहा। शीतलहर से सर्दी का अहसास भी बढ़ गया। कोहरे से वाहन चालकों को परेशानी हुई। शीतलहर से मौसम मे ठंडक घुल गई। गंाव सहित उदलियावास, बिंजवाडिय़ा, झाक, रामपुरिया, कालाऊना, रणसीगांव, हरियाढाणा, पिचियाक, भावी, कापरड़ा सहित ग्रामीण इलाकों मे शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया। इस बीच गुरुवार रात एकाएक आसमान में बार- बार बिजली की गर्जना के साथ बारिश शुरू हो गई। कापरड़ा, बीनावास, पिचियाक, उदलियावास, खेजड़ला, डांगियावास आदि स्थानों पर बारिश हुई।
खारिया मीठापुर. ग्रामीण अंचल में गुरुवार सुबह से कोहरा छाया रहा। शीतलहर से सर्दी का अहसास भी बढ़ गया। कोहरे से वाहन चालकों को परेशानी हुई। शीतलहर से मौसम मे ठंडक घुल गई। गंाव सहित उदलियावास, बिंजवाडिय़ा, झाक, रामपुरिया, कालाऊना, रणसीगांव, हरियाढाणा, पिचियाक, भावी, कापरड़ा सहित ग्रामीण इलाकों मे शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया। इस बीच गुरुवार रात एकाएक आसमान में बार- बार बिजली की गर्जना के साथ बारिश शुरू हो गई। कापरड़ा, बीनावास, पिचियाक, उदलियावास, खेजड़ला, डांगियावास आदि स्थानों पर बारिश हुई।
खेतों में बिखरी पड़ी फसलें हुई नष्ट
देणोक. मौसम के मिजाज में आए बदलाव से बेमौसम बारिश ने सावन सी झड़ी लगा दी। देणोक, उदयनगर, विश्वकर्मा नगर, पल्ली, बरजासर, मतोड़ा, निम्बों का तालाब, रणीसर, पडिय़ाल सहित आस-पास के दो दर्जन से अधिक गांवों में किसानों ने अपने खेतों में खड़ी मूंगफली को पती लगाई और अचानक बारिश होने से उनके खेतों में बिखरी हुई पड़ी फसलें नष्ट हो गई।
देणोक. मौसम के मिजाज में आए बदलाव से बेमौसम बारिश ने सावन सी झड़ी लगा दी। देणोक, उदयनगर, विश्वकर्मा नगर, पल्ली, बरजासर, मतोड़ा, निम्बों का तालाब, रणीसर, पडिय़ाल सहित आस-पास के दो दर्जन से अधिक गांवों में किसानों ने अपने खेतों में खड़ी मूंगफली को पती लगाई और अचानक बारिश होने से उनके खेतों में बिखरी हुई पड़ी फसलें नष्ट हो गई।