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Rajasthan : RUHS होगा खत्म! RIMS बनेगा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, नहीं रहेंगी एमबीबीएस सीटें

Rajasthan : जयपुर का आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज अब एमबीबीएस शिक्षा का केन्द्र नहीं रहेगा। इसके साथ ही रिम्स क्वार्टर्नरी रेफरल अस्पताल रहेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से पीजी की सीटों की स्वीकृति मिलने के बाद यहां पीजी संस्थान शुरू होगा। जानें और बहुत कुछ।

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Rajasthan Jaipur RUHS will be closed RIMS will become a post graduate institute there will be no MBBS seats

पत्रिका फोटो

Rajasthan : जयपुर का आरयूएचएस (RUHS) मेडिकल कॉलेज अब एमबीबीएस शिक्षा का केन्द्र नहीं रहेगा। प्रदेश में सुपर स्पेशियलिटी और स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाएं मजबूत करने का तर्क देते हुए सरकार ने इसे केवल स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) शिक्षा संस्थान रिम्स के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से प्रदेश और राजधानी जयपुर में एमबीबीएस की 150 सीटों की कटौती होगी। इसके साथ ही रिम्स क्वार्टर्नरी रेफरल अस्पताल रहेगा। जिससे यहां साधारण बीमारियों का इलाज नहीं होने की आशंका है। हालांकि इसके लिए अभी स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे।

एनएमसी से स्वीकृति मिलने के बाद शुरू होगा पीजी संस्थान

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से पीजी की सीटों की स्वीकृति मिलने के बाद यहां पीजी संस्थान शुरू होगा। उसके बाद यहां से यूजी की सीटें खत्म कर दी जाएंगे। अभी तक चल रहे सभी बैच का पूरा कोर्स पहले की तरह होगा। मौजूदा काउंसलिंग में भी एमबीबीएस की सीटें बरकरार रहेंगी। स्वायत्त संस्थान के बावजूद इसमें अध्यक्ष और सह-निदेशक दोनों ब्यूरोक्रेट्स होंगे। संस्थान का नियंत्रण मुख्यतया प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में रहेगा।

एम्स जोधपुर में 46 प्रतिशत पद रिक्त

इसी वर्ष 5 अगस्त 2025 को केन्द्र सरकार की ओर से राज्यसभा में पेश किए गए एक जवाब के अनुसार देश के विभिन्न राज्यों में संचालित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में शैक्षणिक, चिकित्सकीय और अशैक्षणिक संवर्ग के करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। सत्र 2025-26 में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) दिल्ली में 1306 में से 462, एम्स जोधपुर में 405 में से 186 सहित पूरे देश के एम्स में करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस प्रश्न के जवाब में देशभर के सभी एम्स में रिक्त पदों की अलग-अलग जानकारी भी उपलब्ध करवाई है। रिम्स एक्ट में सभी संपत्ति उपकरणों और आधारभूत ढांचे को अधिगृहित कर लिया गया है। लेकिन आरयूएचएस में पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों और फैकल्टी को राज्य सरकार में शामिल करने का विकल्प दिया है।

फैकल्टी को सीधा रिम्स में समायोजित किया जाए

आरयूएचएस फैकल्टी रिम्स का स्वागत करती है। साथ ही सरकार से मांग करती है कि पिछले 12-13 वर्ष से आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज मे कार्यरत फैकल्टी को सीधा रिम्स में समायोजित किया जाए। देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों एम्स, पीजीआईएमईआर, जेआईपीएमईआर में अपग्रेडेशन के दौरान कर्मचारियों को सेवा शर्तों सहित समायोजित करने की परंपरा है।
डॉ.प्रहलाद धाकड़, अध्यक्ष, आरयूएचएस फैकल्टी एसोसिएशन

हम विशेषज्ञता पर फोकस करेंगे

एमबीबीएस की सीटें पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में बड़ी संख्या में बढ़ी हैं। रिम्स को पीजी संस्थान के रूप में जारी रखने से हम विशेषज्ञता पर फोकस करेंगे। जिसका फायदा प्रदेश को आने वाले कुछ वर्ष में देखने को मिलेगा।
अम्बरीश कुमार, चिकित्सा शिक्षा सचिव