
गणेशजी की पूजा
बुधवार का दिन ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों में गणेशजी की पूजा के लिए समर्पित किया गया है। शास्त्रों में गणेशजी को बुद्धि का देवता कहा गया है।
नवग्रहों में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है। बुध ग्रह, भगवान गणेश की पूजा से प्रसन्न होते हैं इसलिए बुधवार के दिन गणेशजी की विधि विधान से पूजा करना बहुत फलदायक माना गया है।
गणेशजी को विघ्न विनाशक भी कहा गया है। कोई बड़ी परेशानी आ गई हो या कोई बड़ा संकट हो तो गणेशजी के आशीर्वाद से उसे टाला भी जा सकता है। इसके लिए गणेशजी का एक बेहद सरल स्तोत्र भी है जिसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से हमें हर संकट से मुक्ति मिल सकती है।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि बुधवार के दिन गणेशजी की विधिवत पूजा करें।
सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेशजी की पूजा का संकल्प लें। शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करें। गणेशजी के साथ ही माता पार्वती और भगवान शिव की भी पूजा करें।
गणेशजी के विग्रह या चित्र पर दूर्वा अर्पित करें, दीपक जलाकर उनकी आरती करें। गणेशजी की पूजा करने के बाद संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ शुरु करें। कितना भी बड़ा संकट हो, उसे गणेशजी का यह सरल स्तोत्र टाल देता है। यह स्तोत्र बमुश्किल पांच मिनिट का है लेकिन बहुत प्रभावकारी है।
कोई भयानक विपत्ति आनेवाली हो तो शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार के दिन बुध की होरा में संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ शुरु करें। पूरी श्रद्धा और विश्वास से 40 दिन तक रोज यह पाठ करें। गणेशजी के आशीर्वाद से आसन्न संकट टल जाएगा।
Published on:
16 Jan 2024 09:51 am
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