आइएटीए ने इस नुकसान का आकलन यात्री संख्या, उनसे मिलने वाले राजस्व और किलोमीटर के आधार पर किया है। जिसे ‘आरपीके’ यानी रेवेन्यू, पैसेंजर, किलोमीटर से दर्शाया गया है। यात्रा प्रतिबंधों के कारण घरेलू उड़ान की बजाय अंतरराष्ट्रीय उड़ान पर ज्यादा असर पड़ा। पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाजार 75.6 फीसदी तक गिर गया, जबकि अप्रेल माह की बात करें तो 2019 के मुकाबले यह 98 फीसदी कम रहा। इसके विपरीत घरेलू नुकसान 48.8 फीसदी था।
अब वायरस का संक्रमण कम हो चुका है। अंरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। इसलिए आइएटीए को उम्मीद है कि अब विमानन उद्योग फिर पहले वाली स्थिति में आएगा।