
There is no control on poaching in the forests of the state
जयपुर
प्रदेश के जंगलों में ना तो अवैध कटाई रुक रही है और ना ही वन्यप्राणियों के अवैध शिकार पर अंकुश लग रहा। हालात यह है कि राजधानी जयपुर के आसपास तक के गांवों तक में अब वन्यप्राणियों का शिकार करने के लिए शिकारी दस्तक दे रहे हैं। एक के बाद एक प्रदेश में लगातार शिकार के मामले सामने आते जा रहे हैं। इस बार वन्यजीवों के शिकार का मामला जयपुर में सामने आया है। जहां पर पाटागोह का शिकार कर रहे चार शिकारी वन विभाग के हत्थे चढ़े हैं। जयपुर के नजदीक स्थित सुमेल की डूंगरी वन क्षेत्र में जाल लगाकार पाटागोह का शिकार कर रहे चार शिकारियों को वन विभाग की टीम ने पकड़ा है। वन विभाग की टीम ने शिकारियों के पास से दो मृत वन्यजीव पाटागोह,एक छुरा,एक जाल, एक लाठी और एक थैला जब्त किया है। वहीं शिकारियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया गया है। क्षेत्रीय वन अधिकारी जयपुर प्रादेशिक जनेश्वर चौधरी ने बताया कि वनपाल नाका गलता गौरव राठी और उनकी टीम नियमित गश्त कर रही थी। इसी दौरान उन्हें चार लोग दिखाई दिए जो जाल बिछाकर आरक्षित वन क्षेत्र में शिकार कर रहे थे। इस पर उनकी तलाशी ली गई तो उनके पास से शिकार किया गया मृत पाटागोह व अन्य सामग्री बरामद हुई। जिसके बाद शिकारी बीरबल बागरिया,बाबू बागरिया,कल्याण बागरिया और कालू बागरिया निवासी ग्राम लांगरियावास को गिरफ्तार कर लिया गया। शिकारियों को आज विडियो कॉल के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं पाटागोह का पोस्टमार्टम करवाया गया।
-हिमांशु शर्मा
Published on:
12 Jun 2020 05:08 pm
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