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जंगल को बचाने रात भर बुझाते रहे आग, सुबह तबियत बिगडऩे के बाद इलाज के दौरान डिप्टी रेंजर हो गई मौत

आग लगने की सूचना पर अमले के साथ पहुंचे थे जंगल

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आग लगने की सूचना पर अमले के साथ पहुंचे थे जंगल
डिंडौरी.
जंगल में लगी आग को रातभर बुझाने के बाद डिप्टी रेंजर की तबियत बिगड़ी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मामला सामान्य वनमंडल अंतर्गत शाहपुर वन परिक्षेत्र का है, जहां 1 मई को कक्ष क्रमांक 117 बूढऩ के जंगल में आग लगने की सूचना पर वन पाल राजेंद्र कुसरे अपने अमले के साथ मौके पर पहुंचे थे और रातभर जंगल में फैली आग को बुझाने में जुटे रहे। अपने कर्तव्य को अंजाम देने के बाद वन पाल राजेन्द्र सुबह घर लौटे तो उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। दोपहर तक तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत के साथ लकवा के लक्षण की पुष्टि की थी। बेहतर उपचार एवं जांच के लिए जबलपुर रेफर किया गया। जबलपुर में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने मस्तिष्क में खून का थक्का जमने की जानकारी देकर ऑपरेशन की सलाह दी। तबियत में सुधार नहीं होने की वजह से उन्हें नागपुर इलाज के लिए ले जाया गया था। जहां इलाज के दौरान रविवार को उनकी मौत हो गई।
जेल के कैदियों को मिला कौशल प्रमाण पत्र व कॅरियर मार्गदर्शन
डिंडोरी. जिला जेल के कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जुडऩे के लिए जेल परिसर में जन शिक्षण संस्थान के माध्यम से रोजगार के महत्वपूर्ण ट्रेड- सहा. ड्रेस मेकर, पेंटर हेल्पर एवं इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण बैच का संचालन किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में शनिवार को जेल अधीक्षक लव सिंह काटिया एवं जेलर संतोष गणेश की उपस्थित में बंदियो को प्रमाण पत्र वितरित किए जाने के साथ ही कॅरियर काउंसलिंग तथा जीवन जीने की कला पर मार्गदर्शन दिया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक ने बंदियो को प्रेरित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि कैदी जिस भी गलती या अपराध से जेल में आए हैं, वह ऐसी गलती दोबारा न करें। वह जब यहां से जाएं तो प्रायश्चित के साथ एक हुनर लेकर जाएं। इससे वह अपना व अपने परिवार के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकेंगे और उनका जीवन खुशहाल होगा। अतिथि वक्ता मुकेश भांडे कौशल एवं रोजगार सृजन विशेषज्ञ ने बंदियों के जीवन में उपयोग होने वाले 4 महत्वपूर्ण सिद्धान्त को बताया। उन्होंने बताया कि वर्तमान सत्र के लिए ट्रेनिंग केलेन्डर जारी किए गए हैं। सिलाई, ब्यूटीशियन, कढ़ाई, पेंटिंग, कंप्यूटर, इलेक्ट्रीशियन, ऑटोमोबाइल, प्लम्बर, फूड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण दिया जाना है। जेलर ने बंदियो के लिए कंप्यूटर और सिलाई, कढ़ाई के प्रशिक्षण के लिए स्वीकृति प्रदान की है।