अटल को समर्पित पहला गोल्ड-
अटल बिहारी वाजपेयी का लम्बी बीमारी के बाद 16 अगस्त को 93 साल की उम्र में निधन हो गया था। इसके बाद देश भर में शोक की लहर थी। बजरंग पुनिया ने जकार्ता में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने के बाद ट्वीट कर लिखा ” एशियाई खेलों का गोल्ड मैडल मैं स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित करता हूं । नमन।”लकासिम को 12-2 से एकतरफा शिकस्त दे अंतिम-4 में प्रवेश किया जहां मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचुलुन को 10-0 से मात दे फाइनल में जगह बनाकर अपना पदक पक्का किया।
बजरंग ने की दमदार शुरुआत-
इसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग ने फाइनल मुकाबले की शानदार शुरुआत की और आते ही टेकडाउन से छह अंक लिए। ताकातानी ने 0-6 से पिछड़ने के बाद हालांकि हार नहीं मानी और बजरंग को बाहर ले जाते हुए दो अंक लिए। पहले राउंड में बजरंग 6-2 की बढ़त के साथ गए।
कुछ ऐसा हासिल हुई खिताबी जीत-
दूसरे राउंड में ताकातानी ने वापसी के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया और स्कोर 6-6 से बराबर कर लिया। यहां से दोनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई। बजरंग ने जापानी खिलाड़ी को पलटते हुए दो अंक लेकर स्कोर 8-6 और फिर 10-6 कर लिया, लेकिन इसी बीच ताकातानी ने दो अंक लेकर एक बार फिर वापसी की कोशिश की लेकिन बजरंग ने एक और अंक लिया और दूसरे राउंड की समाप्ति तक अपनी तीन अंकों की बढ़त को बनाए रखते हुए सोने का तमगा हासिल किया।
पहले मुकाबले में बजरंग ने इन्हें दी थी मात-
बजरंग ने अपने पहले मुकाबले में उज्बेकिस्तान के पहलवान सिरोजिद्दीन खासानोव को 13-3 से मात दे क्वार्टर फाइनल का सफर तय किया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने ताजिकिस्तान के फेजेव अब्दुलकासिम को 12-2 से एकतरफा शिकस्त दे अंतिम-4 में प्रवेश किया जहां मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचुलुन को 10-0 से मात दे फाइनल में जगह बनाकर अपना पदक पक्का किया।