जानिए इसका मुख्य कारण?
आपको बता दें कि पहलवानों के कान की हड्डी टूटी या फिरे टेढ़ी-मेढ़ी खुद से नहीं की जाती है। ये चीज खुद से हो जाती है। ये एक अलग तरह की प्रक्रिया होती है। जब हम कुछ मेहनत का काम करते हैं तो हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। एक अलग स्तर पर ये पहुंच जाता है। कान के पास जो रक्त कोशिकाएं होती है वो बहुत ही नाजुक होती है।
इसके बाद कान में धीरे-धीरे खून भर जाता है और उसकी बनावट कुछ अलग हो जाती है। कोई भी रेसलर इसका ईलाज नहीं कराता है। ईलान कराने के बाद और भी दिक्कत होती है। रेसलर को ऐसे ही बहुत फायदा होता है क्योंकि उन्हें बाद में कोई दिक्कत नहीं होती है। आपको बता दें इसे कॉलीफ्लॉवर ईयर नाम दिया गया है, यानी गोभी के फूल जैसा कान हो जाता है।
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Wrestlers Around the World Have Weird Ears, Ever Wondered Why? - https://t.co/FIhWSceibH pic.twitter.com/trlQ1LmlpD
— Mythical India (@mythical_india) August 16, 2016
बचने का उपाय
आजकल कुश्ती के नियमों में बहुत बदलाव कर दिए गए है। रेसलर्स को कम चोट आई और उसे खतरा ना हो, इसके लिए कई नई चीजें आ गई है। आजकल आपने देखा होगा कि पहलवान कानों पर हेडगियर पहनते हैं। ये कान को बचाने के लिए पहना जाता है।
दरअसल ये हेडगियर प्लास्टिक के बने होते हैं। ये कानों को बहुत अच्छे से कवर करते हैं। अगर आप इसे गौर से देखेंगे तो आपके लगेगा को ये सिर को बचाने के लिए पहना जाता है लेेकिन ऐसा नहीं है। ये कान की सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
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— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) August 5, 2022