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Paris Olympics 2024: भारत की ये 3 योद्धा, जो पेरिस ओलंपिक में दुनिया से लड़ी लेकिन किस्मत के आगे हार गईं

Paris olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में भारत के 3 एथलीट्स ने पूरी ताकत झोंक दी और अपने विरोधियों को परेशान भी किया लेकिन किस्मत के आगे हार गए।

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Vinesh Phogat

Paris Olympics 2024: भारत की ये 3 योद्धा, जो पेरिस ओलंपिक में दुनिया से लड़ी लेकिन किस्मत के आगे हार गईंOlympics 2024: वो हर किसी से लड़ गए लेकिन भाग्य से हार गए। खेलों के महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक में कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने अपने विरोधियों को तो कड़ी टक्कर दी लेकिन भाग्य के आगे घुटने टेकने को मजबूर हो गए। मनु भाकर, सरबजोत और स्वप्निल कुसाले का नाम तो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। लेकिन खेल भावना का शानदार परिचय देने वालीं निशा दहिया और अब विनेश फोगाट का नाम मेडल की लाइमलाइट में कहीं खो ना जाए। नियम सर्वोप्रिय है। इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन कभी-कभी यही नियम आपको एक ऐसी चोट दे देते हैं, जो आप भुलाए नहीं भूल पाएंगे। ऐसा ही कुछ वाक्या महिला कुश्ती में गोल्ड जीतने से मात्र एक जीत दूर विनेश फोगाट के साथ हुआ है।

Vinesh Phogat ने फाइनल में बनाई थी जगह

विनेश 50 किलोवर्ग के महिला कुश्ती में सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंच चुकी थी, लेकिन जब फाइनल मुकाबले से पहले उनका फिर से वजन किया गया तो वो तय वेट कैटेगरी से मात्र 100 ग्राम अधिक थी और उन्हें उनके करियर के सबसे बड़े मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित कर दिया। या यूं कह लीजिए 100 ग्राम के बोझ तले विनेश के साथ-साथ करोड़ों हिन्दुस्तानी की उम्मीद दब गई। जिस खिलाड़ी ने फाइनल में पहुंचने के लिए विश्व चैंपियन समेत तीन दिग्गजों को पटखनी दी और जीत की हैट्रिक के साथ फाइनल में जगह बनाई, वो समय की चोट खाकर स्वदेश खाली हाथ लौटकर आएंगी। विनेश ने तो अब कुश्ती से संन्यास ही ले लिया है।

ऐसा नहीं है कि इस ओलंपिक में केवल विनेश फोगाट ही भाग्य से नहीं लड़ पायी। उनसे पहले भारतीय पहलवान निशा दहिया चोट के कारण क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई , जबकि बैडमिंटन में लक्ष्य सेन और वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू भी मेडल के बेहद करीब थे, लेकिन उन्हें भाग्य का साथ नहीं मिला। चाहे विनेश हो, लक्ष्य सेन, निशा या फिर मीराबाई चानू… ये सभी खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक में अपने-अपने खेलों और भारत के लिए मेडल के प्रबल दावेदार थे। मगर, मेडल के बेहद करीब आकर भी इन खिलाड़ियों को भाग्य का साथ नहीं मिला और पेरिस ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ेगा।

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