मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के खिलाफ मुकदमा बीते 25 जनवरी को दर्ज किया गया था। हालांकि यह मामला सुर्खियों में अब आया है। इस एफआईआर में मुकेश कुमार के भाई एन सुरेश कुमार का भी नाम शामिल है।
बोवेनपल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में इन दोनों पर फर्जी दस्तावेज को असल बताकर धोखा देने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में थाना प्रभारी डी राजेश ने बताया, “व्यस्तता के चलते हम इस एफआईआर को दर्ज करने के बाद इस मामले पर आगे नहीं बढ़ सके। कुछ दिनों में हम उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेंगे।”
गौरतलब है कि तीन बार के ओलंपिक खिलाड़ी मुकेश कुमार बीसी ‘ए’ नाई ब्राह्मण समुदाय के हैं। 2007 में इंडियन एयरलाइंस के विजिलेंस विभाग ने हैदराबाद के कलेक्टर से इस मामले की जांच करने को कहा था क्योंकि मुकेश और उसके भाई दोनों ने इस विमान सेवा कंपनी में नौकरी पाने के लिए एससी ‘ए’ माला प्रमाणपत्र लगाए थे।
इस जांच के पीछे की वजह यह थी कि इंडियन एयरलाइंस के अधिकारियों को एक शिकायत मिली थी कि यह दोनों भाई एससी कम्यूनिटी से ताल्लुक नहीं रखते हैं। आंतरिक जांच में यह पता चला कि दोनों बीसी कम्यूनिटी के हैं और दोनों ने गैरकानूनी ढंग से जाति प्रमाणपत्र हासिल किए हैं। विमानन कंपनी इचाहती थी कि हैदराबाद के कलेक्टर इस बात की पुष्टि करें।
मुकेश कुमार ने वर्ष 1992 बार्सिलोना, 1996 अटलांटा और वर्ष 2000 में आयोजित हुए सिडनी ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।