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Tokyo olympics 2020 : 7 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती, ऐसे पूरा किया पिता का सपना, जानिए ओलंपिक तक का पूरा सफर

Tokyo olympics 2020 : बजरंग पूनिया ने कजाकिस्तान के पहलवान को 8-0 से हराकर ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। इस मौके पर जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अनजाने फैक्ट्स।

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Tokyo olympics 2020 : भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया (Bajrang punia) ने टोक्यो ओलंपिक में पुरुष कुश्ती के 65 क्रिगा वर्ग में कजाकिस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव (Daulet Niyazbekov) को 8-0 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है। इससे पहले बजरंग पूनिया कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में भी मेडल जीत चुके हैं। आइए जानते हैं बजरंग पूनिया की लाइफ से जुड़े कुछ अनजाने फैक्ट्स।

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7 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती, ऐसे पूरा किया पिता का सपना
बजरंग पूनिया हरियाणा के झज्जर जिले के खुदन गांव के रहने वाले हैं। वह शुरू से ही रेसलिंग के माहौल में पले-बड़े हैं। उनके पिता भी पहलवान थे, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय स्तर तक नहीं पहुंच पाए थे। बजरंग के पिता ने उन्हें बचपन में ही दांव पेच सिखाने के लिए अखाड़े में भेजना शुरू किया। बजरंग पूनिया अब अंतरराष्ट्रीय स्तर मेडल जीतकर अपने पिता का सपना पूरा कर रहे हैं।

इसी साल मार्च में जीता था गोल्ड मेडल
बजरंग पूनिया ने इसी साल मार्च में रोम में हुई माटेओ पेलिकोन रैंकिंग सीरीज में गोल्ड जीतकर जता दिया था कि वह ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए तैयार हैं। इससे पहले बजरंग वर्ल्ड अंडर-23 चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत चुके हैं। उन्हें पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार और खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

2013 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता पहला मेडल
बजरंग ने सीनियर लेवल पर 60 किलोग्राम वेट कैटेगरी में पहली बार साल 2013 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला पदक जीता। हंगरी में आयोजित इस टूर्नामेंट में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद 2018 में उन्होंने बुडापेस्ट में हुए वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर जीता। 2019 में भी नूर सुल्तान में हुई चैंपियनशिप में बजरंग ने सिल्वर मेडल जीता था।

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एशियन चैंपियनशिप में 7 मेडल
बजरंग पूनिया एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में अब तक 7 मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने इसी साल अल्माटी में हुई एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। 2019 में शिआन और 2017 दिल्ली में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया। 2018 बिश्केक और 2013 दिल्ली में उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतुष्ट होना पड़ा था।

कॉमनवेल्थ और एशियन में दो-दो मेडल
बजरंग कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में दो-दो मेडल जीत चुके हैं। 2014 में कॉमनवेल्थ में उन्होंने सिल्वर और 2018 में गोल्ड मेडल जीता। एशियन गेम्स में 2018 में गोल्ड और 2014 में सिल्वर मेडल जीता।

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रेसलिंग में भारत के पहलवान जीत चुके हैं 7 मेडल
1952 में केडी जाधव ने कुश्ती में भारत को पहला इंडिविजुअल मेडल (ब्रॉन्ज) दिलाया था। इसके बाद पहलवान सुशील कुमार ने 2008 में ब्रॉन्ज और 2012 में सिल्वर जीता। 2012 लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं 2016 में भारत ने सिर्फ दो मेडल जीते। इसमें भी 1 मेडल कुश्ती में आया। साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज जीता। वहीं टोक्यो में रवि दहिया ने 57 किलो वेट में सिल्वर मेडल जीता है और अब बजरंग पूनिया ने 65 किलोग्राम वेट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।