भारत के तीन एथलीट्स टोक्यो ओलंपिक 2020 में पदक के लिए मुकाबला खेलेंगे। गोल्फ में अदिति अशोक कमाल का प्रदर्शन कर रही हैं। खबर लिखे जाने तक वह तीसरे स्थान स्थान पर चल रही हैं। वहीं भाला फेंक में आज नीरज चोपड़ा फाइनल मुकाबला खेलेंगे। उनसे गोल्ड की उम्मीद की जा रही हैं। वहीं रेसलर बजरंग पुनिया पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा भार वर्ग में आज अपना कांस्य मुकाबला खेलेंगे। अगर ये तीन मेडल भारत की झोली में आ जाते हैं तो 8 मेडल हो जाएंगे, जो उसका ओलंपिक के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए सबसे पहला मेडल वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने जीता। उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया था। इसके बाद बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कांस्य पदक पर कब्जा किया। बॉक्सर लवलीना ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। लवलीना 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में तुर्की की मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली से हार गई थीं, लेकिन उन्होंने कांस्य अपने नाम कर लिया था। इसके बाद भारत के पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को दूसरा सिल्वर मेडल दिलाया। रवि ने 57 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में ये पदक हासिल किया।
वहीं भारत की हॉकी टीमों ने भी टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि महिला हॉकी टीम कांस्य का मुकाबला हार गई, लेकिन भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक मेडल जीता। पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत को हॉकी में इससे पहले 1980 के मॉस्को ओलंपिक में मेडल मिला था। तब उसने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था।
इससे पहले भारत ने सबसे ज्यादा पदक 2012 लंदन ओलंपिक में जीते थे। लंदन ओलंपिक में भारत ने दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इसमें 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में गगन नारंग को ब्रॉन्ज मेडल मिला था। वहीं विजय कुमार को 25 रेपिड फायर पिस्टल में सिल्वर मेडल मिला था। बैडमिंटन में साइना नेहवाल ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। बॉक्सिंग में मैरी कॉम ने ब्रॉन्ज हासिल किया था। वहीं कुश्ती में योगेश्वर दत्त को ब्रॉन्ज और सुशील कुमार को सिल्वर मेडल मिला था।