24 वर्षीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन असम के एक छोटे से गांव से हैं। उन्होंने छोटे से गांव से ओलंपिक तक का सफर तय किया है। लवलीना असम के गोलाघाट जिले की सरुपथर विधानसभा के छोटे से गांव बरोमुखिया की निवासी हैं। उनके गांव की आबादी मात्र 2 हजार आबादी है। लवनीला असम की पहली बॉक्सर हैं, जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। वहीं लवलीनास दो बार विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकी हैं। लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलंपिक में 69 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा ले रही हैं।
लवलीना ने अपने कॅरियर की शुरुआत किक बॉक्सिंग से की थी। 13 साल की उम्र में 13 साल की उम्र में लवलीना उनकी जुड़वा बहनों के साथ किक बॉक्सिंग सीखने गई थीं। लवलीना की दोनों बहनें किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल तक पहुंच गईं। वहीं लवलीना ने बीच में किक बॉक्सिंग की जगह बॉक्सिंग को चुना। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लवलीना की मां ममोनी बोर्गोहेन ने बताया कि लवलीना स्कूल में हर खेल गतिविधि में हिस्सा लेती थीं।
लवलीना ने महान बॉक्सर मोहम्मद अली की एक खबर पढ़कर किक बॉक्सिंग छोड़कर बॉक्सिंग में कॅरियर बनाने का फैसला लिया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक बार लवलीना के पिता उनके लिए मिठाई लाए। जिस अखबर में मिठाई थी, लवलीना उसे उसे पढ़ने लगीं। उस अखबार में मोहम्म्द अली की खबर छपी थी। इसके बाद से बॉक्सिंग में लवलीना की रुचि बढ़ी। लवलीना मोहम्मद अली की फैन हैं। मोहम्मद अली के साथ वह माइक टायसन की भी फैन हैं। लवलीना ने जब 9वीं क्लास में पढ़ती थीं तो भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के एक कोच की नजर उन पर पड़ी और तब से ही लवलीना बॉक्सिंग में लगातार आगे बढ़ती गईं।