भारत की नीतू घंघास (48 किग्रा) ने दो बार की एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांसेटसेग को शनिवार को खचाखच भरे आईजी स्टेडियम में 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। दोनों मुक्केबाजों ने मुकाबले में आक्रामक शुरूआत की लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने मंगोलियाई मुक्केबाज के चेहरे पर पंच लगाए और पहला राउंड 5-0 से जीत लिया।
दूसरा राउंड नजदीकी हुआ लेकिन नीतू इसे 3-2 से जीतने में कामयाब रहीं। तीसरे राउंड में नीतू ने स्मार्ट तरीके से खेलते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया। टूर्नामेंट के दौरान नीतू घंघास ने अपना दबदबा बनाये रखा। उन्होंने रेफरी स्टॉप कॉन्टेस्ट ;आरएससीद्ध फैसलों के जरिये तीन बाउट जीती है।
हालांकि, नीतू ने कुछ शक्तिशाली जैब्स के साथ अपना संयम बनाए रखा और राउंड 3-2 से जीत लिया। फाइनल राउंड में भी इरादे वही रहे क्योंकि नीतू को सीधे येलो कार्ड मिला। उसके प्रतिद्वंद्वी को भी एक क्षण बाद एक पीला कार्ड मिला। जब उसने प्रतियोगिता में अपने तरीके से लड़ने की कोशिश की।
भारत के चार मुक्केबाज खिलाड़ी महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची हैं। इनमें से एक पिछली बार की विश्व चैंपियन निखत जरीन भी शामिल हैं। वह 50 किग्रा भार वर्ग में रविवार को फाइनल मुकाबले में दो बार की एशियाई चैम्पियन और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक विजेता वियतनाम की गुयेन थी टैम से भिड़ेंगी।