बालक की आयु करीब बारह-तेरह वर्ष है। वह स्वयं को पंजाब की जैतो मंडी का निवासी बता रहा है। उसका कहना है कि वह अपने माता-पिता के साथ सूरतगढ़ से अनूपगढ़ जा रहा था। रास्ते में रेल सरूपसर में रुकने पर वह अपने माता-पिता के साथ पानी पीने के लिए उतरा। इस दौरान रेल रवाना हो गई । उसके माता-पिता तो रेल में सवार हो गए लेकिन वह रेल में सवार नहीं हो सका। भीड़ छंटने पर रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले युवक तेजनारायण को बालक रोते हुए मिला। इस पर उसने उससे पूछताछ की तथा जीआरपी को सूचना दी।
बालक ने अपना नाम गौरव तथा पिता का नाम पूर्णचंद और माता का नाम रजनी बताया। उसने बताया कि वह पंजाब की जैतो मंडी का रहने वाला है तथा परिवार सहित सूरतगढ़ से अनूपगढ़ के लिए रवाना हुए थे। इसी दौरान वह रेल में सवार नहीं हो सका और सरूपसर रेलवे स्टेशन पर ही रह गया।